बागवानों के 50 करोड़ पर कुंडली मारकर बैठी है सरकार , पूर्व जयराम सरकार ने भी रोकी थी अदायगी

हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों की लगभग 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेमेंट पर सरकार कुंडली मारकर बैठी है। सरकारी उपक्रम हिमफेड और एचपीएमसी द्वारा पिछले साल मंडी मध्यस्थता योजना ( एमआईएस ) के तहत खरीदे गए सेब की पेमेंट का भुगतान अब तक नहीं किया गया

Aug 25, 2023 - 19:55
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बागवानों के 50 करोड़ पर कुंडली मारकर बैठी है सरकार , पूर्व जयराम सरकार ने भी रोकी थी अदायगी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  25-08-2023

हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों की लगभग 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेमेंट पर सरकार कुंडली मारकर बैठी है। सरकारी उपक्रम हिमफेड और एचपीएमसी द्वारा पिछले साल मंडी मध्यस्थता योजना ( एमआईएस ) के तहत खरीदे गए सेब की पेमेंट का भुगतान अब तक नहीं किया गया। बागवानों की दोनों उपक्रमों के पास 25-25 करोड़ रुपए की पेमेंट लंबित है। बागवान सालभर अपने बगीचों में जी-तोड़ मेहनत करके फसल तैयार करते हैं। ए और बी ग्रेड का सेब मंडियों में बेच देते हैं, जबकि सी ग्रेड का सेब सरकार एमआईएस योजना के तहत सरकार खरीदती है। 
पूर्व जयराम सरकार ने साल 2022 में 10.50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बागवानों से सेब खरीदा था , मगर जयराम सरकार पेमेंट का भुगतान करना भूल गई। सुक्खू सरकार भी 8 महीने से बागवानों को उनकी पूरी पेमेंट नहीं दे पाई। एमआईएस के तहत खरीदे जाने वाले सेब से एचपीएमसी जूस, जैम, स्क्वैश इत्यादि उत्पाद बनाता है।  एमआईएस के तहत एचपीएमसी और हिमफेड ने बीते साल रिकॉर्ड 72 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा सेब खरीदा था। 
इस साल भी सेब सीजन लगभग आधा बीत गया, लेकिन अब तक बागवानों को पिछले साल के सेब सीजन की पेमेंट भी नहीं दी गई। इसके लिए बागवान बार-बार एचपीएमसी और हिमफेड दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। कोटगढ़ हॉर्टिकल्चर एनवायरमेंट सोसायटी के अध्यक्ष हरिचंद रोच ने बताया कि MIS के तहत बागवानों को पेमेंट नहीं दी जा रही है। इससे बागवान परेशान हैं। सरकार को एकमुश्त बागवानों की पिछले साल और इस साल की पेमेंट का भुगतान करना चाहिए। 
संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान ने हैरानी जताते हुए कहा कि एपीएमसी एक्ट की सबसे ज्यादा धज्जियां सरकार ही उड़ा रही है। इस एक्ट में बागवानों की पेमेंट का भुगतान 24 घंटे के भीतर करने का प्रावधान है, लेकिन राज्य सरकार 24 घंटे तो दूर एक साल बाद भी बागवानों की पेमेंट नहीं दे रही है। एचपीएमसी के एमडी सुदेश मोक्टा ने बताया कि निगम के पास करीब 25 करोड़ रुपए की पेमेंट है। इसका भुगतान जल्द किया जाएगा।

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