जल शक्ति विभाग में 4,852 पदों पर होगी भर्ती ,बैठक में पंप आपरेटर सहित 1726 पदों को भरने की मंजूरी
जल शक्ति विभाग में 4,852 पदों पर भर्ती होगी। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में अधिकारियों के साथ चार घंटे चली मैराथन बैठक में यह फैसला लिया

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 27-09-2025
जल शक्ति विभाग में 4,852 पदों पर भर्ती होगी। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में अधिकारियों के साथ चार घंटे चली मैराथन बैठक में यह फैसला लिया गया। इस मामले को आगामी कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा। बैठक में पंप आपरेटर, पैरा पंप और पैरा फिटर के 1726 पदों को भरने की मंजूरी भी दी गई।
विभाग में आउटसोर्स पर चल रहे 4,136 पदों को भी विभागीय स्तर पर भरने का फैसला लिया गया है। अभी सरकार ठेकेदार को 98 करोड़ रुपये दे रही है। विभाग के स्तर पर इन पदों को भरने से 25 करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी।
वहीं, जल शक्ति विभाग में वर्क इंस्पेक्टर के 111, जेई के 100, करुणामूलक आधार पर 505 और हाइड्रोलॉजिस्ट के पदों को भी भरा जाना है। करुणामूलक आधार पर 76 पदों को भरा गया है। 505 पदों को भरने के लिए आश्रितों के दस्तावेज सही पाए गए हैं। इन पदों को भरने के लिए कैबिनेट के लिए एजेंडा तैयार किया गया।
इसके अलावा अब जल रक्षकों को आठ साल बाद पंप अटेंडेट बनाया जाएगा। पहले 12 साल बाद इन्हें पंप अटेंडेंट बनाया जा रहा था। सरकार ने 3,486 में से 1,346 जल रक्षकों को पंप अटेंडेट बनाया है। शेष बचे जल रक्षकों को भी पंप अटेंडेंट बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पंप, पैरा फिटर को सम्मानजनक वेतन मिलेगा।
अभी इन्हें हर माह 5 से 6 हजार रुपये मिलते हैं। जल शक्ति विभाग में मल्टी टास्क वर्करों के लिए भी पाॅलिसी बनाई जाएगी। इन्हें भी सरकार सम्मानजनक वेतन देना चाहती है। इस मामले को कैबिनेट में ले जाने के लिए एजेंडा तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते जल शक्ति विभाग को को 1476 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस साल आपदा में पानी की सात हजार स्कीमों को नुकसान हुआ है। केंद्र और हिमाचल सरकार से स्कीमों को दुरुस्त करने के लिए पैसा मांगा जाएगा। मंडी, सराज, धर्मपुर में 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। अभी लोगों को पीने के लिए पानी दिया गया है।
सिंचाई की स्कीमों को बहाल करने के लिए जल शक्ति विभाग को पैसा चाहिए। ठेके पर दी गईं पानी की स्कीमों को भी वापस लेने पर विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत केंद्र से अभी तक हिमाचल को 1,227 करोड़ रुपये नहीं मिले हैं। ठेकेदारों की पेमेंट लंबित है।
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