पशुपालकों के लिए वरदान बना 1962 टोल फ्री नंबर , वेटरनरी डिपार्टमेंट घर द्वार पर कर रहा गाय - भैंस का इलाज
ग्रामीण जन जीवन में पशुधन का विशेष महत्व है। ग्राम वासियों द्वारा पशुओं को पूजा जाता है , क्योंकि पशुधन मानव का पोषण करने सहित आजीविका का साधन भी होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की पशुधन पर निर्भरता तथा ग्रामीण आर्थिकी में इसके योगदान को देखते हुए प्रदेश सरकार में पशुपालकों के हित में कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सर्वप्रथम अपनी चुनावी गारंटी को पूरा करते हुए सरकार द्वारा गाय और भैंस के दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा अपने अढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में पशुपालकों के हितार्थ विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।

ग्रामीण जन जीवन में पशुधन का विशेष महत्व है। ग्राम वासियों द्वारा पशुओं को पूजा जाता है , क्योंकि पशुधन मानव का पोषण करने सहित आजीविका का साधन भी होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की पशुधन पर निर्भरता तथा ग्रामीण आर्थिकी में इसके योगदान को देखते हुए प्रदेश सरकार में पशुपालकों के हित में कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सर्वप्रथम अपनी चुनावी गारंटी को पूरा करते हुए सरकार द्वारा गाय और भैंस के दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा अपने अढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में पशुपालकों के हितार्थ विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।
पशुपालन को बढ़ावा देने व पशुपालकों के लिए इस क्षेत्र को आर्थिक रूप से आकर्षक बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से न केवल पशुपालन युवाओं के लिए घर-द्वार पर जीविकोपार्जन का विश्वसनीय जरिया बनेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करते हुए प्रदेश के विकास में सहयोगी भी बनेगा।
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