बंधुआ मजदूरी और गुलामी को स्थापित करेंगें  नए श्रम कानून ,  चार लेबर कोड के खिलाफ सीटू का प्रदर्शन 

सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए चार नए लेबर कोड के खिलाफ बुधवार को शिमला में जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता पंचायत भवन से रैली निकालते हुए लोअर बाजार होते हुए उपायुक्त कार्यालय के बाहर पहुंचे। यहां मजदूरों ने लेबर कोड के विरोध में नारेबाजी की और केंद्र सरकार से इन्हें वापिस लेने की मांग उठाई

Nov 26, 2025 - 18:26
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बंधुआ मजदूरी और गुलामी को स्थापित करेंगें  नए श्रम कानून ,  चार लेबर कोड के खिलाफ सीटू का प्रदर्शन 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  26-11-2025
सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए चार नए लेबर कोड के खिलाफ बुधवार को शिमला में जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता पंचायत भवन से रैली निकालते हुए लोअर बाजार होते हुए उपायुक्त कार्यालय के बाहर पहुंचे। यहां मजदूरों ने लेबर कोड के विरोध में नारेबाजी की और केंद्र सरकार से इन्हें वापिस लेने की मांग उठाई। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि मजदूर विरोधी लेबर कोड का राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक विरोध हो रहा है। मेहरा ने केंद्र सरकार के चारों लेबर कोड को मजदूर विरोधी करार देते हुए इन्हें तत्काल निरस्त करने की मांग उठाई। 
उन्होंने कहा कि ये कोड मजदूरों के लोकतांत्रिक अधिकारों, सुरक्षा , वेतन और सामाजिक सुरक्षा को कमजोर करते हैं तथा श्रम कानूनों को पूंजीपति वर्ग के हित में पुनर्गठित करने की कोशिश हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नए लेबर कोड लागू होने से संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के मजदूरों पर ठेका , कॉन्ट्रैक्ट और अस्थायी रोजगार का बोझ और बढ़ेगा। ट्रेड यूनियन गतिविधियों पर भी अंकुश लगाने की स्थिति पैदा होगी और श्रम कल्याण की मौजूदा संरचना संकुचित होती जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने लेबर कोड वापस नहीं लिए तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। 
उन्होंने कहा है कि चार लेबर कोड को मजदूर संगठनों के विरोध और बुनियादी आपत्तियों को अनसुना करके, एकपक्षीय ढंग से लागू किया गया है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मज़ाक है। वेतन कोड 2019 यूनिवर्सल न्यूनतम मजदूरी की बात करते हुए भी परिभाषाओं और अपवादों के ज़रिए बड़ी संख्या में मजदूरों को न्यूनतम वेतन के दायरे से बाहर छोड़ देता है। उन्होंने इन कोडों को मजदूर विरोधी, नियोक्ता परस्त बताया व यह मजदूर वर्ग के खिलाफ खुला राजनीतिक पक्षपात दिखाता है। 
इन चारों लेबर कोडों से भारत के मजदूरों पर अस्थिर रोजगार, कम वेतन, कमजोर सामाजिक सुरक्षा का चौतरफा हमला होगा। उन्होंने मांग की है कि इन कोडों को तत्काल वापस लिया जाए। पुराने श्रम कानूनों को बहाल कर मजदूरों के हित में वैज्ञानिक संशोधन किए जाएं और भारतीय श्रम सम्मेलन सहित सभी प्रतिनिधि मंचों पर व्यापक चर्चा के बाद ही कोई भी श्रम सुधार लागू किया जाए।

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