प्रदेश के निजी संस्थानों को केंद्र सरकार की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने के लिए शपथपत्र देना अनिवार्य

केंद्र सरकार की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने के लिए निजी संस्थानों को शपथपत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने छात्रवृत्ति दावों को लेकर सख्ती बरतते हुए राज्य के बाहर और भीतर संचालित निजी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों से तीन दिन में सत्यापित सूची तलब

Dec 18, 2025 - 16:13
Dec 18, 2025 - 16:30
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प्रदेश के निजी संस्थानों को केंद्र सरकार की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने के लिए शपथपत्र देना अनिवार्य

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    18-12-2025

केंद्र सरकार की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने के लिए निजी संस्थानों को शपथपत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने छात्रवृत्ति दावों को लेकर सख्ती बरतते हुए राज्य के बाहर और भीतर संचालित निजी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों से तीन दिन में सत्यापित सूची तलब की है। संस्थान में सभी विद्यार्थियों के नियमित रूप से अध्ययनरत और वास्तविक होने का शपथपत्र भी देना होगा। 

गलत जानकारी देने पर संस्थान प्रमुख से वितरित की गई छात्रवृत्ति राशि की पूरी वसूली की जाएगी। बुधवार को उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेशों के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) पर किए गए सत्यापन की सभी संस्थानों को योजना-वार सत्यापित छात्र सूची उपलब्ध करवानी होगी। 

संबंधित विश्वविद्यालय/कॉलेज के कुलपति, रजिस्ट्रार या प्राचार्य की ओर से प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी से सत्यापित शपथपत्र (एफिडेविट) भी अनिवार्य रूप से संलग्न करना होगा। शपथपत्र में स्पष्ट करना होगा कि छात्रवृत्ति के लिए अपलोड किए गए सभी दस्तावेज जैसे आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, हिमाचली बोनाफाइड प्रमाण पत्र, पिछली कक्षा उत्तीर्ण प्रमाण पत्र संस्थान स्तर पर मूल दस्तावेजों से जांचे-परखे गए हैं।

संस्थान प्रमुख को यह भी शपथपूर्वक घोषित करना होगा कि नए तथा नवीनीकरण श्रेणी के सभी छात्र नियमित रूप से अध्ययनरत और वास्तविक विद्यार्थी हैं। यदि छात्रवृत्ति राशि, शुल्क संरचना या अकादमिक भत्ते से संबंधित कोई भी जानकारी गलत पाई जाती है अथवा ऑडिट के दौरान आपत्ति उठती है, तो पूरी जिम्मेदारी संबंधित संस्थान/संस्थान प्रमुख की होगी। 

ऐसे मामलों में वितरित की गई छात्रवृत्ति राशि की वसूली भी संस्थान अथवा संस्थान प्रमुख से की जा सकेगी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि छात्रवृत्ति का दावा केवल उन्हीं एससी/एसटी/ओबीसी छात्रों के लिए किया जा सकेगा, जिनकी सीटें सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत हैं।

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