यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर 17-10-2025
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) से संबंधित प्रशिक्षण कोर्सों को बढ़ावा देने तथा आम जनजीवन में इन आधुनिक तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयास सराहनीय परिणाम ला रहे हैं। इसी से प्रेरित होकर पॉलिटैक्निक कालेज हमीरपुर के विद्यार्थियों ने आईओटी पर आधारित एक ऐसा सस्ता एवं प्रभावी यंत्र तैयार किया है जोकि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी प्रदेश में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों और पक्षियों से बचाने में काफी मददगार साबित हो सकता है।
कॉलेज के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के विद्यार्थियों ने विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज ठाकुर और अन्य शिक्षकों के मार्गदर्शन में मास सर्विलांस क्रॉप सिस्टम तैयार किया है। आईओटी पर आधारित यह यंत्र खेत में एक ऐसे सेंसर की तरह कार्य करेगा जो किसी भी तरह के जानवर या पक्षी की मूवमेंट होते ही बंदूक की गोली की तरह आवाज करेगा और उससे जानवर या पक्षी तुरंत भाग जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही पॉलिटेक्निक कालेज की विद्यार्थी अंजलि और सचिन चौधरी ने बताया कि यह यंत्र सस्ता है और इसको स्थापित करना एवं चलाना भी काफी आसान है। यह सीसीटीवी कैमरे की तरह हर समय रिकॉर्डिंग नहीं करता है और न ही डाटा स्टोर करता है।
यह तभी सक्रिय होता है जब इसके सामने कोई मूवमेंट होती है। किसी जानवर या पक्षी के सामने आते ही यह ऑटोमेटिक तरीके से सक्रिय हो जाता है। पॉलिटेक्निक कॉलेज के आईटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बंदर, जंगली सूअर और अन्य जंगली जानवर फसलों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इन जानवरों को भगाने के लिए यह यंत्र काफी कारगर हो सकता है। उन्होंने कहा कि पॉलिटेक्निक कॉलेज हमीरपुर के विद्यार्थियों का यह प्रोजेक्ट किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है।