अनूठी देव परंपरा : रस्सी से खींचकर शिखर पर पहुंचाए जाते है देवी-देवता 

हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है। यहां पर हर गांव में देवता विराजमान है। हिमाचल में देव परम्पराओं का आज भी वहन किया जाता है। जिसे देखकर हर कोई दंग भी रह जाता

Apr 14, 2024 - 13:24
 0  50
अनूठी देव परंपरा : रस्सी से खींचकर शिखर पर पहुंचाए जाते है देवी-देवता 

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू    14-04-2024

हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है। यहां पर हर गांव में देवता विराजमान है। हिमाचल में देव परम्पराओं का आज भी वहन किया जाता है। जिसे देखकर हर कोई दंग भी रह जाता है। कुल्लू जनपद की सैज घाटी के कनौन में बैसाखी मेले में निभाई गई एक अनूठी देव परम्परा से मुखातिब करवाने जा रहे है।

घाटी के आराध्य देव ऋषि ब्रह्मा व देवी भगवती के रथों को हजारों श्रद्धालुओं ने रस्सी से खींच कर ऊंची चोटी पर स्थित वनशीरा देवता के मंदिर पर पहुंचाया। अंगरक्षक देवता बनशीरा के साथ देवी भगवती व ऋषि ब्रह्मा ने साल भर में घटने वाली प्राकृतिक आपदाओं के बारे में मंथन कर भविष्यवाणी कर हारियानों को सचेत भी किया। 

वहां पर देव हारियानों ने जंगल की लचकदार लकड़ियों से एक गोल रिंग बनाया, जिसे स्थानीय भाषा में “चैचा” कहते है। वहीं अंत में इसे एक ही व्यक्ति सैकड़ों लोगों में से छुड़ा कर ले जाता है। मान्यता है कि बनशीरा देवता उस व्यक्ति को पुत्र वरदान देता है।

देव खेल का निर्वाह कर देव हारियानों ने देवता के स्वर्ण रथ को रस्सी से खींच कर साथ लगते गांव कछैनी में देवी भगवती के मंदिर पंहुचाया। यहां ऋषि ब्रह्माजी भगवती महामाई का भव्य मिलन हुआ। देव मिलन को देखने के लिए  हजारों श्रद्धालु पहुंचे। देव प्रक्रिया के पश्चात कुल्लवी नाटी का आयोजन भी हुआ।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow