एम्स बिलासपुर दवाइयों के दुष्प्रभाव पर माॅनिटरिंग कर लोगों को करेगा जागरूक
दवा का प्रतिकूल प्रभाव होने पर मरीज इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके लिए एम्स बिलासपुर में फार्माकोलॉजी विज्ञान विभाग में एडीआर मॉनीटरिंग केंद्र (एएमसी) की स्थापना की गई
यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर 17-10-2024
दवा का प्रतिकूल प्रभाव होने पर मरीज इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके लिए एम्स बिलासपुर में फार्माकोलॉजी विज्ञान विभाग में एडीआर मॉनीटरिंग केंद्र (एएमसी) की स्थापना की गई है। दवाओं के उपयोग के साथ एडवर्स ड्रग रिएक्शन (एडीआर) नामक अवांछित प्रभाव हो सकते हैं।
एम्स बिलासपुर दवाइयों के दुष्प्रभाव पर माॅनिटरिंग करेगा और लोगों को जागरूक करेगा। एम्स बिलासपुर की डॉ. मीनाक्षी मीनू और डॉ. दीप्ति चोपड़ा ने बताया कि दवा के प्रतिकूल प्रभाव जैसे उल्टी या चक्कर आना या अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
एडीआर के समय दवा लेना बंद करना और शीघ्र डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर यह पता लगाने में मदद करते हैं कि लक्षण दवा से संबंधित हैं या नहीं। साथ ही आगामी उपचार और सलाह देते हैं। डॉक्टर से परामर्श किए बिना अन्य दवाएं या घरेलू उपचार नहीं लेना चाहिए। यह स्वास्थ्य को खराब कर सकता है या नई समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
किसी भी एडीआर का व्यक्तिगत रिकॉर्ड बनाए रखना भविष्य की स्वास्थ्य देखभाल के लिए उपयोगी होता है। साथ ही नई दवाओं के साथ इस तरह की प्रतिक्रियाओं से बचने में मदद कर सकता है। इन प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
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