कांग्रेस के नेताओं ने हिमाचल की जनता पर सीएम की तर्ज पर लगाया टैक्स या शुल्क : नंदा
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा की एक और बार कांग्रेस के नेताओं ने अपने मुख्यमंत्री की तर्ज पर एक और टैक्स या शुल्क हिमाचल की जनता पर लगाया है और अब तो यह शिमला की जनता पर भी लग गया है, जब मुख्यमंत्री जी बार-बार कहते थे कि भाई टॉयलेट टैक्स एक्जिट नहीं करता है
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 31-12-2024
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा की एक और बार कांग्रेस के नेताओं ने अपने मुख्यमंत्री की तर्ज पर एक और टैक्स या शुल्क हिमाचल की जनता पर लगाया है और अब तो यह शिमला की जनता पर भी लग गया है, जब मुख्यमंत्री जी बार-बार कहते थे कि भाई टॉयलेट टैक्स एक्जिट नहीं करता है। तो आज इसी सरकार के महापौर जी ने दिखा दिया है कि वो एजिस्ट करता है और भाजपा झूठ नहीं बोल रही थी।
महापौर शुल्क बोलने का प्रयास कर रहे हो जेंडर इक्वालिटी दोनों प्रकार से हो सकती थी, आप महिलाओं के ऊपर जो शुल्क लगाते हैं वो कम एवं समाप्त भी कर सकते थे। जो जनता के लिए बनी लोकल निकाइयां होती है, चाहे वह लोकल बॉडीज जैसे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन हो चाहे नगर परिषद हो या सरकार हो आपका परमो धर्मा यह होता है कि जनसेवा कर सके, तो अच्छा होता कि अगर आप महिलाओं के ऊपर जो 5 रु का शुल्क लगता है उसको आप रोल बैक करते।
तो यह स्वागत योग्य होता पर, कांग्रेस के महापौर एक स्कैनर लगा के वहां पर जो टूरिस्ट आ रहा है उसको भी अगर आप इस प्रकार का टैक्स लगाकर शर्मिंदा करके जी पे में माध्यम से पैसे एकत्र करेंगे तो जब एक पर्यटक शिमला से जाकर अपनी बैंक स्टेटमेंट देखेगा तो उसमें सुलभ शौचालय लिखा आएगा , एक नजर से शिमला और हिमाचल प्रदेश अच्छे टूरिजम के लिए लड़ रहा है, जिसमें आप टूरिजम के लिए फैसिलिटी जनरेट नहीं कर पा रहे हैं। प्रदेश में टूरिस्ट धीरे धीरे घट रहा है और यह तो कुदरत की देन थी कि बर्फ पड़ी टूरिस्ट बढ़ गया पर आप इस प्रकार के जो तुगलकी फरमान निकालेंगे तो यह अच्छा नहीं है।
कांग्रेस ने कहा की हम इन होटलों की बैलेंस शीट्स मंगवाए, उसके बाद वो कितना बड़ा मजाक का मुद्दा बना था हाई कोर्ट के आड़ में आप हिमाचल भवन तक कुड़की करने चले गए थे, अरे बाबा हर चीज जो है हाई कोर्ट की आड़ में नहीं की जाती। नंदा ने कांग्रेस को नसीयत देते हुए कहा की आप अपने विवेक का इस्तेमाल कीजिए ना, आप तो ऐसे हो गए जैसे आप सर्वे सर्वा नेता हो गए कि जो आपने कर दिया तुगलकी फरमान की तरह आप लागू कर देंगे।
यह स्टूडेंट पॉलिटिक्स नहीं है, स्टूडेंट पॉलिटिक्स से उठिए आप जनता के बीच में जनता के डोमेन में का कर रहे है, उसमें रहकर आप काम कीजिए, अच्छा लगेगा एक बार जनता के फेवर में फैसला तो लेकर देखिए उसका आनंद आ जाएगा। आपने प्रदेश में एक जन विरोधी निर्णयों की श्रंखला लगा दी है, हिमाचल प्रदेश में आपने पहले जो है टॉयलेट टैक्स लगाया फिर रोल बैक किया।
उसके बाद आपने एचआरटीसी में कुकर और उस पर ले जाने की टिकट काटनी शुरू की थी जिसको लगजरी टैक्स कहते है वो वापस लिया, उसके बाद पेड़ के कटर पर रजिस्ट्रेशन करने का माध्यम खोल दिया, ऐसा कैसे हो गया अभी 40 साल से 100 साल से किसान पेड़ काट रहे हैं, अब अगर कोई कुल्हाड़ी से पेड़ काटने लगेगे तो पेड़ को काटने में कितना टाइम लगे।
उन्होंने कहा कि अब तो महापौर यू टर्न लेने पर आ गए हैं और फिर से एक बारी पलट गए हैं, अब कल जो उन्होंने बयान दिया है उसके विपरीत आज एक बयान जारी किया जिसमें वह नगर निगम से इस पूरे मुद्दे को सुलभ शौचालय को ट्रांसफर कर रहे हैं अब बताइए ना महापौर ने यू टर्न लिया कि नहीं लिया।
महापौर भी मुख्यमंत्री की पदचिन्हों पर चल रहे है।
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