नगर निगम ने ड्रोन मैपिंग की शुरू,ड्रोन के माध्यम से शिमला की सम्पतियों का होगा आकलन
नगर निगम ड्रोन मैपिंग के माध्यम से शिमला की सम्पतियों का आकलन करेगा। ड्रोन के जरिये शिमला की सम्पतियों का आकलन किया जाएगा ।इसका कार्य प्रारंभ हो गया है। प्रदेश में 1974 से पहले सरकारी भूमि पर ढारे बनाकर रह रहे लोगों कब्जा देने के लिए पूरी तैयारी
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यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 05-01-2024
नगर निगम ड्रोन मैपिंग के माध्यम से शिमला की सम्पतियों का आकलन करेगा। ड्रोन के जरिये शिमला की सम्पतियों का आकलन किया जाएगा ।इसका कार्य प्रारंभ हो गया है। प्रदेश में 1974 से पहले सरकारी भूमि पर ढारे बनाकर रह रहे लोगों कब्जा देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। नगर निगम शिमला ने इसके मैपिंग करने के लिए ड्रोन से सर्वे करने का काम भी शुरू कर दिया है ।
कृष्णा नगर में इस काम को शुरू कर दिया है। इसके साथ ही शहर में अन्य इलाकों में जहां पर भी सरकारी भूमि पर ढारे बनाए गए हैं । ये 1974 से पहले रहते हैं । इसका पूरा एक सर्वे कराया जाएगा। इसकी ड्रोन से मैपिंग करने के बाद कब्जा नियमित करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। शहर में इसके तहत ही 1974 से पहले जो लोग अपने ढारे बनाकर रह रहे हैं।
नगर निगम या राजस्व विभाग को यदि वे इसके दस्तावेज दे पाएंगे तो उनके कब्जे को ही नियमित किया जाएगा। इसके अलावा अन्य किसी के कब्जे को नियमित नहीं किया जाएगा। नगर निगम प्रशासन ने ड्रोन के माध्यम से इसका सर्वे करने का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि निगम का मानना है कि कुछ लोग ऐसा न हो कि नियमितकरण की आड़ में और ढारे बना ले। साथ ही कब्जे को नियमित करने का दावा भी करें।
निगम प्रशासन ने फैसला लिया है कि पूरे शहर में जहां भी अवैध ढारे बने हैं। इन सब ढारों को नियमित करने से पहले ड्रोन के माध्यम से मैपिंग कराई जाएगी और मैपिंग के बाद ही इन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जानी है।नगर निगम शिमला की शहर में बहुत सी सम्पति है जिसका रिकॉर्ड नगर निगम के पास नही है इससे उस सम्पति का आंकड़ा भी इकठा किया जायेग।
महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि शिमला शहर में संपत्तियों का आंकड़ा एकत्रित करने के लिए ड्रोन मैपिंग आरंभ कर दी गई है। इस प्रक्रिया की शुरुआत शिमला के कृष्णा नगर से की गई है। शिमला शहर में नगर निगम की कई संपत्तियां ऐसी भी हैं जिसका कोई आंकड़ा नहीं है इस मैपिंग के माध्यम से उन संपत्तियों को ढूंढने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि जहां पर नगर निगम को टैक्स व किराया नहीं मिल पाता उसमें भी इस मैपिंग के माध्यम से सुविधा मिलेगी। पूरे शिमला में यह ड्रोन मैपिंग की जाएगी। अभी नगर निगम के पास संपत्तियों का पूरा खाका नहीं है। इस वर्तमान समय में नगर निगम के पास ऑन रिकॉर्ड 25 से 30000 संपत्तियां हैं इस ड्रोन मैपिंग के बाद यह संपत्तियां बढ़ भी सकती है। सुरेंद्र चौहान ने कहा कि इसे स्थानीय लोगों को भी अपनी संपत्ति का ब्यौरा हासिल करने में मदद मिलेगी।
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