बिहार सरकार ने जारी की जातीय जनगणना की रिपोर्ट , सामने आए कई चौंकाने वाले आंकड़े 

बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है। बिहार की नीतीश कुमार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट में यह बात आयी है। सोमवार को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने यह रिपोर्ट जारी की।बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है। पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 फीसदी है। नीतीश कुमार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट में यह बात आयी

Oct 2, 2023 - 20:21
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बिहार सरकार ने जारी की जातीय जनगणना की रिपोर्ट , सामने आए कई चौंकाने वाले आंकड़े 

न्यूज़ एजेंसी - पटना  02-10-2023
बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है। बिहार की नीतीश कुमार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट में यह बात आयी है। सोमवार को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने यह रिपोर्ट जारी की।बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है। पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 फीसदी है। नीतीश कुमार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट में यह बात आयी है। 
 
सोमवार को बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर आंकड़ों की पुस्तिका जारी की। बिहार सरकार की ओर से कुल 214 जातियों के आंकड़े जारी किए गए हैं। इनमें कुछ ऐसी जातियां भी हैं जिनकी कुल आबादी सौ से भी कम है। 214 जातियों को अलावा 215 वें नंबर पर अन्य जातियों का भी जिक्र रिपोर्ट में किया गया है। आंकड़ों की मानें, राज्य की आबादी 13,07,25,310 है। वहीं कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 2,83,44,107 है। इसमें  पुरुषों की कुल संख्या 4 करोड़ 41 लाख और महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख है। राज्य में प्रति 1000 पुरुषों में 953 महिलाएं हैं।
 

बिहार में 81.99 प्रतिशत यानी लगभग 82 प्रतिशत हिंदू हैं। इस्लाम धर्म के मानने वालों की संख्या 17.7 प्रतिशत है। शेष ईसाई सिख बौद्ध जैन या अन्य धर्म मानने वालों की संख्या 1 प्रतिशत से भी कम है। राज्य के 2146 लोगों ने अपना कोई धर्म नहीं बताया। बिहार में जब भारतीय जनता पार्टी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी सरकार में थी, तभी बिहार विधानसभा और विधान परिषद ने राज्य में जाति आधारित गणना कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया था। कोरोना की स्थिति संभालने के बाद 1 जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में जाति आधारित गणना को सर्वसम्मति से करने का प्रस्ताव पारित किया गया। 


जानिए, किस वर्ग की कितनी आबादी

  • सामान्य वर्ग - 15.52 प्रतिशत
  • पिछड़ा वर्ग- 27.12 प्रतिशत
  • ओबीसी - 36.1 प्रतिशत
  • अनुसूचित जाति- 19.65 प्रतिशत
  • अनुसूचित जनजाति - 1.68 प्रतिशत

जानिए, किस जाति की कितनी आबादी

  • यादव - 14.26 प्रतिशत
  • रविदास- 5.25 प्रतिशत
  • दुसाध-5.31 प्रतिशत
  • कोइरी- 4.21 प्रतिशत
  • ब्राह्मण- 3.67 प्रतिशत
  • राजपूत-  3.45 प्रतिशत
  • मुसहर- 3.08 प्रतिशत
  • भूमिहार- 2.89 प्रतिशत
  • कुरमी- 2.87 प्रतिशत
  • तेली- 2.81 प्रतिशत
  • बनिया-2.31 प्रतिशत
  • कानू-2.21 प्रतिशत
  • चंद्रवंशी-1.64 प्रतिशत
  • कुम्हार-1.40 प्रतिशत
  • सोनार-0.68 प्रतिशत
  • कायस्थ - 0.60 प्रतिशत

दो फेज में पूरी हुई थी जाति आधारित गणना

बिहार में जाति आधारित जनगणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू हुआ था। इस चरण में मकानों को गिना गया। यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था। वहीं 15 अप्रैल से दूसरा चरण की गणना की शुरुआत हुई। इसे 15 मई को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन, मामला कोर्ट में चला गया। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने गणना पर रोक लगा दिया था। बाद में फिर पटना हाईकोर्ट ने ही जाति आधारित गणना को हरी झंडी दी।दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय समेत अन्य जानकारियां जुटाई गईं। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया। लेकिन, कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 

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