भाजपा के सहयोगी दलों में मंत्रालयों को लेकर खींचतान शुरू , टीडीपी और जेडीयू ने मांगे बड़े मंत्रालय 

नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुने जाने के बाद आज नई सरकार के गठन पर मंथन हुआ। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के  दिल्ली स्थित आवास पर आयोजित एक अहम बैठक में नई सरकार बनाने, बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में जगह देने व शपथ ग्रहण की तैयारियों समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। इसके अलावा आरएसएस के साथ भी बीजेपी के नेताओं की गुरुवार को समन्वय बैठक हुई

Jun 6, 2024 - 20:08
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भाजपा के सहयोगी दलों में मंत्रालयों को लेकर खींचतान शुरू , टीडीपी और जेडीयू ने मांगे बड़े मंत्रालय 

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  06-06-2024
नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुने जाने के बाद आज नई सरकार के गठन पर मंथन हुआ। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के  दिल्ली स्थित आवास पर आयोजित एक अहम बैठक में नई सरकार बनाने, बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में जगह देने व शपथ ग्रहण की तैयारियों समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। इसके अलावा आरएसएस के साथ भी बीजेपी के नेताओं की गुरुवार को समन्वय बैठक हुई। शुक्रवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक होनी है। 
बीजेपी के सहयोगी दलों में मंत्रालयों को लेकर खींचतान शुरू होने की खबरें हैं। बुधवार को एनडीए के सहयोगियों ने साफ कर दिया है कि उनका पूरा समर्थन प्रधानमंत्री की अगुवाई में बनने जा रही एनडीए सरकार के साथ है, लेकिन इस बीच गुरुवार को सामने आया कि बुधवार की बैठक के बाद से ही बीजेपी के सहयोगी दलों ने मंत्री पद के लिए अपनी डिमांड रखनी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में 16 सीटें जीतने वाली चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी मोदी सरकार 3.0 में कम से कम दो मंत्री पद चाहती है। साथ ही वह लोकसभा अध्यक्ष पद भी चाहती है। इसके अलावा टीडीपी कई मलाईदार पद चाहती है। ग्रामीण विकास, शहरी विकास मंत्रालय पर भी उसकी नजर है। 
इसके अलावा शिक्षा स्वास्थ्य और सिंचाई विभाग की भी मांग की जा रही है। वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री के पद की भी चाहत है। इसके साथ ही टीडीपी राज्य के लिए स्पेशल स्टेटस की भी मांग कर रही है। बता दें कि नई सरकार के लिए टीडीपी का समर्थन बहुत बड़ा फैक्टर है। बिहार में बेहतर प्रदर्शन करने वाली नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी मोदी सरकार पर दबाव बनाने में जुट गई है। नीतीश चाहते हैं कि अग्निवीर योजना पर नए तरीके से सोचा जाए , क्योंकि इसको लेकर मतभेद हैं। ज्यादातर राजनीतिक दल इसके पक्ष में नहीं हैं। इसके अलावा जेडीयू का मानना है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड ( यूसीसी ) एक पेचीदा विषय है , लिहाजा सभी लोगों से इस पर व्यापक चर्चा हो। यूसीसी को लेकर शुरू से सभी राजनीतिक दलों में गतिरोध रहा है। 
कोई चाहता है देश में लागू किया जाना चाहिए , जबकि कई दल इसके पक्ष में नहीं है। केवल बीजेपी ही अग्निवीर व यूसीसी को लेकर अडिग है। वहीं जेडीयू ने एक देश-एक चुनाव पर सरकार को समर्थन दिया है। इसके अलावा सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश मोदी सरकार 3.0 में तीन बड़े मंत्रालय भी चाहते हैं। उनकी रेल , कृषि और वित्त मंत्रालय पर नजर है। रेल मंत्रालय उनकी प्राथमिकता है। साथ ही उनकी भी लोकसभा अध्यक्ष पद पर नजर है। बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा भी जेडीयू की प्राथमिकता है। कहा भी जा रहा है कि मोदी की कैबिनेट इस बार बिल्कुल नई नजर आएगी और इसमें 40 नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा में नेता विपक्ष चुने जा सकते हैं। 
माना जा रहा है कि कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में उन्हें नेता चुना जाएगा। नरेंद्र मोदी आठ के बजाय अब 9 जून को शाम 6 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। पहले जानकारी मिली थी कि आठ जून को शपथ ग्रहण समारोह होगा, लेकिन गुरुवार को सामने आई जानकारी के मुताबिक अब मोदी 9 जून को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। बताया गया कि शुभ मुहूर्त के चलते शपथ ग्रहण समारोह की तारीख बदली गई है। केंद्र सरकार के 10 सबसे ताकतवर और समृद्ध मंत्रालय- गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, रेलवे, सूचना प्रसारण, शिक्षा, कृषि, सड़क परिवहन और सिविल एविएशन हैं। 
अकेले बहुमत होने से 2019 और 2014 में भाजपा ने सभी बड़े विभाग अपने पास रखे थे। लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं। यह बहुमत के आंकड़े (272) से 32 सीटें कम हैं। हालांकि, एनडीए ने 292 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। एनडीए में बीजेपी के अलावा 14 सहयोगी दलों के 53 सांसद हैं। गठबंधन में चंद्रबाबू की टीडीपी 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की जेडीयू 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों ही पार्टियां इस वक्त भाजपा के लिए जरूरी हैं। इनके बिना भाजपा का सरकार बनाना मुश्किल है।

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