लोकसभा स्पीकर बनते ही ओम बिरला ने किया आपातकाल का जिक्र , विपक्ष का हंगामाँ तो पीएम ने दिया साधुवाद 

18वीं लोकसभा का स्पीकर ओम बिरला को चुन लिया गया है। लोकसभा में ध्वनिमत से बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी परंपरा के अनुसार आसन तक लेकर गए। ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के अपने पहले संबोधन में आपातकाल को याद किया। हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई

Jun 26, 2024 - 20:00
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लोकसभा स्पीकर बनते ही ओम बिरला ने किया आपातकाल का जिक्र , विपक्ष का हंगामाँ तो पीएम ने दिया साधुवाद 


न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली   26-06-2024


18वीं लोकसभा का स्पीकर ओम बिरला को चुन लिया गया है। लोकसभा में ध्वनिमत से बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी परंपरा के अनुसार आसन तक लेकर गए। ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के अपने पहले संबोधन में आपातकाल को याद किया। हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में आपातकाल की निंदा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सराहना की और कहा कि उन दिनों के पीड़ितों के सम्मान में मौन रखना एक अच्छा भाव था। बिरला ने लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के तुरंत बाद आपातकाल की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पढ़ा और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार की आलोचना की। कांग्रेस सांसदों और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच बड़ी संख्या में सांसद कुछ क्षणों के लिए मौन रहे। 

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा किए एक पोस्ट में लिखा, 'मुझे खुशी है कि माननीय अध्यक्ष ने आपातकाल की कड़ी निंदा की , उस दौरान की गई ज्यादतियों को उजागर किया और यह भी उल्लेख किया कि किस तरह से लोकतंत्र का गला घोंटा गया था। उन्होंने कहा कि आपातकाल 50 साल पहले लगाया गया था , लेकिन आज के युवाओं के लिए इसके बारे में जानना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इस बात का एक उदाहरण है कि जब संविधान को रौंदा जाता है, जनमत को दबाया जाता है और संस्थाओं को नष्ट किया जाता है, तो क्या होता है।' मोदी ने कहा कि 'आपातकाल के दौरान की घटनाएं इस बात का उदाहरण है कि तानाशाही कैसी होती है। इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, 'जो सबसे ज्यादा संविधान की दुहाइयां देते हैं उनको इस बात की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वो अपनी दादी और पिताजी ने नाम पर वोट बटोरते हैं तो क्या वे उनके किए कारनामों की भी जिम्मेदारी लेते हैं? 

आज जो संविधान की सबसे ज्यादा दुहाइयां देते हैं वे खुद का भी ट्रैक रिकॉर्ड देखें। आपातकाल की 50वीं सालगिरह पर एनडीए नेताओं ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए। स्पीकर के आपातकाल को याद और कल गुजरी आपातकाल की बरसी पर मौन रखा गया। इस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे को देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी। आज लोकसभा में आपातकाल पर पेश किए गए प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'ये सदन 1975 में देश में आपातकाल(इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्प शक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया।

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