शिक्षा में सुधार के लिए किया 300 करोड़ बजट का प्रावधान :  सीएम

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने  जिला ऊना के चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के तहत लडोली में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की और जन समस्याएं सुनीं। कार्यक्रम के दौरान 62 जन समस्याएं प्राप्त हुईं

Jan 28, 2024 - 19:46
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शिक्षा में सुधार के लिए किया 300 करोड़ बजट का प्रावधान :  सीएम

यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना     28-01-2024

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने  जिला ऊना के चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के तहत लडोली में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की और जन समस्याएं सुनीं। कार्यक्रम के दौरान 62 जन समस्याएं प्राप्त हुईं तथा 24 विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र बनाए गए, जबकि 13 इंतकाल भी सत्यापित किए गए। 

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अंब में दो दिवसीय चिंतपूर्णी महोत्सव, अंब में मिनी सचिवालय के निर्माण, स्वां तटीकरण के लिए 10 करोड़ प्रदान करने, पंजोआ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा इनडोर स्टेडियम बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नैहरियां आईटीआई में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे ताकि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सकें। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा प्रणाली में आवश्यक सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए राज्य सरकार 300 करोड़ रुपए खर्च कर रही है, जिसके तहत प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, ताकि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का समुचित विकास हो सके। 

उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में स्कूल खोलने के लिए भूमि का चयन किया जा रहा है और एक वर्ष के भीतर स्कूल का निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से इंग्लिश मीडियम में पाठ्क्रम आरम्भ किया जा रहा है तथा छह साल का बच्चा ही पहली कक्षा में जाएगा ताकि वह तनाव महसूस न करे। 

सुक्खू ने कहा कि एक वर्ष पूर्व जब वर्तमान सरकार का गठन हुआ तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके लिए पूर्व भाजपा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बजट का 17 प्रतिशत ही हम विकास कार्योंे पर खर्च करते हैं, जबकि 83 प्रतिशत बजट अन्य कार्योंे पर खर्च होता है। 

उन्होंने कहा कि 16 हजार करोड़ रुपये सरकारी कर्मचारियों का वेतन और 10 हजार करोड़ रुपये पेंशन प्रदान करने पर खर्च होता है, जबकि प्रदेश का बजट 54 हजार करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के प्रयास शुरू किए गए हैं और इसी को व्यवस्था परिवर्तन का नारा दिया गया है, जिसके आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। 

उन्होंने कहा कि पहली ही कैबिनेट में 1.36 सरकारी कर्मचारियों का बुढ़ापा सुरक्षित कर सरकार द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम लागू की गई है। केंद्र सरकार के पास प्रदेश के एनपीएस के 9000 करोड़ रुपये पड़े हैं, जिसका मामला केंद्र के समक्ष उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछली बरसात में हिमाचल प्रदेश ने इतिहास की सबसे बड़ी आपदा सामना किया, जिसमें 16 हजार घर क्षतिग्रस्त हुए। 

उन्होंने कहा कि वह लोगों के दर्द से वाकिफ हैं, इसलिए आर्थिक तंगी के बावजूद व नियमों में बदलाव कर 4500 करोड़ रुपये का विशेष आपदा राहत पैकेज प्रभावितों को दिया गया है। पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घर पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। 

घर को आंशिक नुकसान होने पर भी मुआवजा राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान तीन दिन तक आपदा पर चर्चा हुई लेकिन हिमाचल प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के प्रस्ताव का भाजपा विधायकों ने समर्थन नहीं किया और उन्होंने केवल राजनीति की। उन्होंने कहा कि भाजपा के किसी भी सांसद ने हिमाचल को आपदा से निपटने के लिये केंद्र सरकार से मदद नहीं मांगी। 

यही नहीं राज्य सरकार ने आपदा के 10 हजार करोड़ रुपये के क्लेम सितंबर माह में केंद्र सरकार को भेजे हैं, लेकिन भाजपा नेता इसमें भी अड़ंगा लगा रहे हैं, जिसके लिए जनता भाजपा नेताओं का माफ नहीं करेगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महीने के अंतिम दो दिनों में राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर रही है, जिसमें अब तक 65000 से अधिक इंतकाल तथा 4000 से अधिक तकसीम  के मामलों का निपटारा जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों में 21 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की जा रही है। 

शिक्षा विभाग में अध्यापकों के 5291, पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1226, जल शक्ति विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 10 हजार पद भरे जाएंगे। इसके साथ ही वन मित्र योजना के तहत 2061 वन मित्रों की भर्ती की जा रही है और स्वास्थ्य विभाग में 1450 पद भरे जाएंगे। 

विधायक सुदर्शन बबलू ने कहा कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू एक आम परिवार से निकलकर मुख्यंमत्री पद पर पहुँचे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को पूर्व सरकार से 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला है। अभी मुख्यमंत्री अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला ही रहे थे कि हिमाचल प्रदेश में आपदा आ गई। 

मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान सभी कांग्रेस विधायकों को फील्ड में डटे रहने के निर्देश दिए और खुद भी मोर्चे पर डटे रहे, जिसके कारण रिकॉर्ड समय में बिजली, पीने के पानी और सड़क सुविधा जैसी सभी आवश्यक सेवाएं बहाल हुईं। केंद्र से कोई भी मदद न मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए हर प्रकार से मदद दी। 

इस अवसर पर विधायक चैतन्य शर्मा व देवेंद्र भुट्टो, पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार, एडवोकेट जनरल अनूप रतन, पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, जिला ऊना कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत सिंह राणा, एचपीसीसी महासचिव विक्रम शर्मा, सचिव संजीव कालिया, पूर्व विधायक नवीन धीमान, उपायुक्त राघव शर्मा, पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर तथा अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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