यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 27-11-2025
हिमाचलियों पर अमीरी की खुमारी इस कद्र भारी है कि वे बैंकों में साढ़े तीन अरब से ज्यादा की रकम रखकर भूल गए हैं। बीते 10 सालों से इस पैसे को लेने के लिए किसी ने बैंक की चौखट नहीं लांघी है। यह सारा पैसा भारतीय रिजर्व बैंक के पास पहुंच गया है। आरबीआई इसी पैसे के मालिकों को ढूंढने के लिए पूरे प्रदेश में जागरूकता अभियान तक चला रहा है, लेकिन आलम यह है कि पहाड़ में अमीरी का साम्राज्य कायम है। प्रति व्यक्ति सालाना आय अढ़ाई लाख से ज्यादा हो गई है, जो राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है और हिमाचल अमीर राज्यों की श्रेणी में छठे स्थान पर पहुंच गया है। अमीरी की इसी खुमारी में हिमाचली बैंकों में ही 352 करोड़ से ज्यादा की राशि रखकर भूल गए हैं। यह सारी धन राशि निजी खातों सहित करंट अकाउंट और एफडी में जमा हुआ है।
बीते दस सालों से इस पैसे को लेने को कोई बैंक तक आया ही नहीं है। पर्सनल खातों में ही कुल 311 करोड़ में ही पड़ा हुआ है। आरबीआई के निर्देशों के बाद यह खुलासा हुआ है कि 10 लाख 77428 खातों में कुल 352 करोड़ 52 लाख रुपए रखे हुए हैं। इसमें सबसे रोचकता यह है कि 311 करोड़ तो लोगों के निजी खातों में ही रखे हुए हैं और बीते कई सालों से इन खातों को कोई चला भी नहीं रहा है और न ही खातों में कोई लेन-देन किया जा रहा है। हिमाचल में बढ़ती अमीरी की खुमारी में अकेले मंडी जिला में ही 39 करोड़ 59 लाख रुपए बैंक खातों में रखे हुए हैं। इस पैसे के मालिक कौन हैं? बैंक तो जानता है, लेकिन जिनका यह पैसा है वह इसे सालों से भूल बैठे हैं। मंडी में ही 138176 बैंक खातों में साढ़े 39 करोड़ से ज्यादा की राशि अनक्लेम पड़ी हुई है।
यह सारा पैसा 31 अगस्त, 2025 तक बैंकों के खातों में रखा हुआ है। हिमाचल प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रति व्यक्ति आय का अनुमानित आंकड़ा 2,57,212 रुपए है। यह पिछले वर्ष (2023-24) में 2,34,782 रहा था। इसमें इस साल 9.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा हिमाचल प्रदेश की आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पर आधारित है। भारत की राष्ट्रीय औसत प्रति व्यक्ति आय वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1,14,710 रुपए है। हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर है। राज्यों में रैंकिंग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश 6वें स्थान पर खड़ा है। शीर्ष 10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में इसकी प्रति व्यक्ति आय 1,63,465 रुपए बताई गई है।
बैंक खातों में अनक्लेम पड़ा धन आरबीआई के पास है और यह डिपॉजिट एजुकेशन अवेयरनेस फंड ( डीईएएफ ) में जमा होगा। क्लेम करने की सूरत में बैंक इस पैसे को उपभोक्ता को लौटा देगा और फिर आरबीआई से क्लेम कर लेगा। हिमाचल में बैंक खातों में सालों से पड़े साढ़े तीन अरब के मालिकों को तलाश रहा है। इसके लिए अक्टूबर से नवंबर महीनों में क्षेत्र में संचालित बैंक जागरूकता अभियान के तहत शिविरों का आयोजन कर रहे हैं। आरबीआई के निर्देश पर इन शिविरों का आयोजन बैंकों के माध्यम से हो रहा है और इस पैसे को क्लेम करने के तरीके बताए जा रहे हैं। इसके अलावा आरबीआई ने इस पैसे के मालिकों को ढूंढने के लिए उद्गम पोर्टल भी लांच किया है।