हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों के लिए नए सिरे से तय होगा आरक्षण
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों के लिए नए सिरे से आरक्षण तय होगा। अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के आरक्षण के लिए 2011 की जनसंख्या आधार होगी

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 07-09-2025
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों के लिए नए सिरे से आरक्षण तय होगा। अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के आरक्षण के लिए 2011 की जनसंख्या आधार होगी। ओबीसी आरक्षण के लिए 1993-94 के सर्वेक्षण को देखा जाएगा। पंचायत प्रधान के आरक्षण के लिए विकास खंड को इकाई बनाया जाएगा।
पंचायतीराज विभाग ने उपायुक्तों को पंचायतीराज चुनाव आरक्षण रोस्टर जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। राेस्टर लागू करने का नया फाॅर्मूला भी सुझाया है। पंचायतीराज अधिनियम के तहत आरक्षण रोस्टर तय करने की प्रक्रिया जिला स्तर पर की जाएगी। इस फाॅर्मूले के अनुसार प्रधानों के आरक्षण के लिए विकास खंड को एक इकाई माना जाएगा।
प्रधान के आरक्षण की गणना विकास खंड स्तर पर अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के आधार पर होगी। सबसे पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण रोस्टर लागू किया जाएगा। हर विकास खंड में पंचायत प्रधानों के पद उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे।
अनुसूचित जाति की जनसंख्या की अधिकता वाली ग्राम पंचायतों में सबसे पहले पद इसी जाति के लिए आरक्षित होंगे। यदि आरक्षित होने वाले प्रधानों की संख्या एक से अधिक है तो अगली अधिक जनसंख्या वाली पंचायत में प्रधान का पद आरक्षित होगा।
यह क्रम तब तक जारी रहेगा, जब तक निर्धारित पद आरक्षित नहीं हो जाते। अगर किसी पंचायत में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 5 प्रतिशत से कम है तो वह पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं होगा। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कुल पदों में से 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे।
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