केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को खत्म कर शुरू की नई योजना के कारण हिमाचल को हर साल 700 करोड़ का नुकसान
केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को खत्म कर शुरू की नई योजना के कारण हिमाचल को हर साल 700 करोड़ का नुकसान हो सकता है। अभी हर साल हिमाचल करीब 1400 करोड़ के काम कर रहा है, जो अब आधे हो जाएंगे
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 30-12-2025
केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को खत्म कर शुरू की नई योजना के कारण हिमाचल को हर साल 700 करोड़ का नुकसान हो सकता है। अभी हर साल हिमाचल करीब 1400 करोड़ के काम कर रहा है, जो अब आधे हो जाएंगे। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इस बारे में एक रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी है।
केंद्र ने मनरेगा के बदले नई योजना विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी जी राम जी लागू की है। यह योजना मनरेगा की जगह लेगी, जिसमें रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 125 किए गए हैं। लेकिन बहुत से नए प्रावधान हिमाचल के हित में नहीं हैं।
जिन राज्यों की आबादी कम है, उन्हें वैसे ही नुकसान है। विभाग ने सरकार को रिपोर्ट दी है कि वार्षिक एलोकेशन के बाद अब नई योजना में एडिशनल आबंटन नहीं होगा। लेबर बजट में भी अब 90:10 की हिस्सेदारी होगी।
यानी 10 फीसदी राज्य को डालना होगा। अब इस योजना के तहत बजट का आबंटन भी डिमांड आधारित नहीं होगा और इसे नॉर्मेटिव फार्मूले से ही चलाया जाएगा। यदि इस योजना में एडिशनल काम किए जाते हैं, तो उसकी भरपाई राज्यों को करनी होगी। हिमाचल में मनरेगा के कामगारों को 350 रुपए दिहाड़ी दी जाती है, जबकि भारत सरकार 301 रुपए ही देती है।
नई योजना में एडिशनल वेजिज का भार राज्य को उठाना पड़ेगा, जो सालाना 250 करोड़ बनता है। नई योजना में जिला परिषदों में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिये जा रहे पैसों को भी समाप्त कर दिया है। इसलिए राज्य को नुकसान का खतरा है।
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