यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 09-10-2025
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने दिल्ली में केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से मुलाकात की। इस अवसर पर सुरेश कश्यप ने बताया कि भारतीय निर्यात की यात्रा वैश्विक एकीकरण के साथ नवाचार का परिणाम है। सिल्क रूट से लेकर उदारीकरण के बाद के उछाल तक, निर्यात में मसालों और वस्त्रों से लेकर प्रौद्योगिकी, फार्मास्युटिकल और इंजीनियरिंग वस्तुओं तक विविधता आई है।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया का निर्यात 2.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जबकि भारत का निर्यात वैश्विक विकास से आगे बढ़कर 7.1 प्रतिशत (2024) की दर से बढ़ रहा है और अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर देश की प्रगति का संकेत देता है। भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में निर्यात की हिस्सेदारी 2015 में 19.8 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 21.2 प्रतिशत हो गई है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था (विश्व बैंक) में निर्यात की बढ़ती प्रासंगिकता को भी बताता है। भारत के व्यापार प्रदर्शन ने वित्त वर्ष 2025-26 के पहले पांच महीनों में भी विकास की प्रवृत्ति जारी रखी। अप्रैल - अगस्त 2024 के मुकाबले अप्रैल-अगस्त 2025 में कुल निर्यात ( व्यापारिक और सेवा निर्यात संयुक्त) में 5.19 प्रतिशत की वृद्धि।
अप्रैल -अगस्त 2025 के लिए कुल निर्यात मूल्य 346.10 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि अप्रैल-अगस्त 2024 में यह 329.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। अप्रैल-अगस्त 2025 में व्यापारिक निर्यात का हिस्सा 53.09 प्रतिशत था। अप्रैल-अगस्त 2025 में सेवा निर्यात का हिस्सा 46.91 प्रतिशत रहा। अगस्त 2024 के मुकाबले अगस्त 2025 में निर्यात में 4.77 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इस विकास पथ को स्वीकार करते हुए, सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर के निर्यात का लक्ष्य भी निर्धारित किया है, जिसमें से 34.61 प्रतिशत पहले पांच महीनों में ही हासिल कर लिया गया है। सरकारी सुधारों, डिजिटल परिवर्तन और उद्यमशीलता की भावना से प्रेरित, देश का निर्यात क्षेत्र नई संभावनाओं के शिखर पर खड़ा है, जो दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रहा है और वैश्विक मंच पर आत्मनिर्भर भारत की कहानी को नया आकार दे रहा है।