हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल वसूली की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल वसूली की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह आदेश
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 11-12-2025
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल वसूली की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह आदेश दिया।
उधर, राज्य सरकार ने मामले में जवाब दायर करने के लिए समय मांगा, जिसे मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने स्वीकार किया। मामले में अगली सुनवाई 7 मार्च को होगी।
याचिकाकर्ता उतांश मोंगा के अनुसार, हिमाचल प्रदेश टोल अधिनियम 1975 के तहत राज्य सरकार ने कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल स्थापित किए हैं, जबकि एनएच का नियंत्रण पूरी तरह केंद्र सरकार के पास है।
टोल वसूली के चलते रोज आम लोगों, यात्रियों, मालवाहक वाहनों और सेवा उपभोक्ताओं को हानि हो रही है। याचिका में बताया कि राज्य सरकार के पास राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल लगाने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है और ऐसा कदम संविधान के अनुच्छेद 246 और 254 का उल्लंघन है।
याचिका में परवाणू टोल, गरामोड़ा, तुनुहट्टी, कालाअंब, कंडवाल, बद्दी और मैहतपुर बैरियरों पर टोल वसूली की पूर्ण समाप्ति की मांग की गई है। इसके अलावा याचिका में ग्वालथाई बैरियर पर टोल वसूली को भी चुनौती दी गई है। ये टोल भाखड़ा-नंगल रोड पर है, जिसका रखरखाव बीबीएमबी करता है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, इस सड़क पर राज्य सरकार की ओर से टोल वसूली अधिकार क्षेत्र से बाहर है और इसे भी समाप्त किया जाना आवश्यक है।
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