यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 23-03-2024
हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में पीरियड आधार पर कॉलेज में रखे जाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। शिक्षा निदेशालय द्वारा बाकायदा सर्कुलर जारी कर कहा गया है कि किसी भी कॉलेज में पीटीए , वर्कलोड बेसिस और पीरियड बेसिस आधार पर कॉलेज और संस्कृत कॉलेज में कोई भी नियुक्ति नहीं कर सकेंगे।
शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा की ओर से जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि किसी भी कॉलेज को पीटीए , एसएमसी और पीरियड बेस्ट आधार पर टीचर की नियुक्ति करने से पहले यह मामला शिक्षा निदेशालय को भेजा जाता था , लेकिन कानूनी प्रक्रिया में उलझने के चलते अब शिक्षा निदेशालय ने इस पर रोक लगा दी है। शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि जो भी शिक्षण संस्थान पीटीए , वर्कलोड बेसिस और पीरियड बेसिस पर शिक्षकों की नियुक्ति करता है वह अपने स्तर पर ही इस मामले को निपटाए। गौर हो कि शिक्षक व गैर शिक्षक दोनों पर ही ये नियम लागू होगा।
इन आदेशों में कहा गया है कि टीचिंग-नॉन स्टाफ के वित्तीय लेन-देन और सैलरी से जुड़े मामलों को अब कॉलेज और स्कूल अपने स्तर पर ही सुलझाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने इस बारे में स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि पीटीए, एसएमसी और पीरियड बेस्ड आधार पर रखे गए शिक्षकों की सैलरी के भुगतान के मामले उच्च शिक्षा निदेशालय न भेजे जाएं। इसमें लिटिगेशन के भी बहुत से मामले हैं। ऐसे में संस्थान इन मामलों का अपने स्तर पर ही निपटारा करेंगे। कॉलेजों को निर्देश दिए हैं कि वह पीटीए फंड के तहत भी अस्थायी नियुक्ति नहीं दे सकते हैं।
यदि कर्मचारियों की कमी है तो इसके लिए पहले प्रस्ताव बनाकर शिक्षा निदेशालय को भेजना होगा। विभाग से परमिशन मिलने के बाद ही किसी भी स्टाफ की नियुक्ति की जा सकती है। विभाग पूरे मामले की जांच करेगा उसके बाद इस मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाएगा। यदि कोई कॉलेज प्रधानाचार्य नियमों की उल्लघंना करके अस्थायी नियुक्ति करता है तो उन्हें मानदेय अपनी जेब से देना होगा। यही नहीं भविष्य में कानूनी विवाद के लिए भी वह स्वयं जिम्मेदार होगा।