गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर दायर किया मानहानि का मुकदमा

भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलताओं को छुपाने के लिए हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस की सरकार बदले की भावना से कार्य कर जनप्रतिनिधियों को झूठे केसों में फंसा रही है। यह बात ऊना जिला के गगरेट विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा ने अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने सरकार पर झूठी गारंटी देने, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलताओं का आरोप लगाया

Nov 23, 2024 - 17:51
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गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर दायर किया मानहानि का मुकदमा
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना  23-11-2024

भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलताओं को छुपाने के लिए हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस की सरकार बदले की भावना से कार्य कर जनप्रतिनिधियों को झूठे केसों में फंसा रही है। यह बात ऊना जिला के गगरेट विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा ने अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने सरकार पर झूठी गारंटी देने, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलताओं का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए राजनीतिक साजिशों में लिप्त है। चैतन्य शर्मा ने अपने खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और गगरेट की जनता को गुमराह करने की साजिश है। 
उन्होंने कहा कि मैंने सुरेंद्र कुमार के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम के आर्टिकल 356 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है। यह आरोप एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा हैं और मैं इसे अदालत में चुनौती दूंगा। चैतन्य शर्मा ने बताया कि सुरेंद्र कुमार ने रिश्वत देने का बयान दिया है , जो खुद भ्रष्टाचार के अपराध को साबित करता है। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए और पुलिस को स्वतः इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए थी। चैतन्य शर्मा ने कहा कि गगरेट में कांग्रेस सरकार के दौरान कोई विकास कार्य नहीं हुआ है , बल्कि उनकी सरकार केवल शिलान्यास करती रही है। गगरेट में अस्पताल, राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल और इथेनॉल प्लांट जैसी योजनाओं का शिलान्यास तो किया गया था , लेकिन इनमें से कोई भी योजना अब तक पूरी नहीं हुई। 
सरकार के दावों और जमीन पर वास्तविकता में भारी फर्क है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने 2 लाख नौकरियों को समाप्त कर दिया और बेरोजगारों को नई उम्मीद देने में पूरी तरह से विफल रही है। समोसा प्रकरण में हिमाचल का नाम बदनाम हुआ और रोजगार देने के वायदे केवल हवा में उड़ गए। यह सरकार केवल घोषणा करती है, काम नहीं। चैतन्य शर्मा ने स्पष्ट किया कि मैं गगरेट के विकास के लिए हमेशा समर्पित रहूंगा और इन झूठी साजिशों से कभी नहीं डरूंगा। मेरे खिलाफ जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे केवल सत्ता में बैठे लोगों की नाकामियों को छिपाने की कोशिश है। गगरेट की जनता इन झूठे आरोपों को समझती है। उन्होंने कहा कि मैं गगरेट के विकास के लिए अपनी राजनीति करता रहूंगा और किसी भी साजिश के सामने झुकने वाला नहीं हूं।

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