यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 25-10-2023
अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दूसरे दिन शान से नरसिंह भगवान की जलेब निकली, जिसके माध्यम से ढालपुर में सुरक्षा सूत्र बांधा। इस दौरान मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया। महेश्वर सिंह ने भगवान की ढाल व कटार लेकर पालकी में सवार होकर व नरसिंह भगवान की घोड़ी के पीछे वाद्य यंत्रों की धुनों पर देवलुओं ने नाचते-गाते जलेब में भाग लिया।
जलेब राजा की चानणी से शुरू हुई जो कि अस्पताल रोड, पुराने स्टेट बैंक पार्क , कला केन्द्र से होते हुए ढालपुर चौक होकर राजा की चानणी के पास समाप्त हुई। जलेब में महाराजा कोठी के देवता जमदग्नि ऋषि चकलाणी , देवता हुरंग नारायण जौंगा, कैलावीर लोट, कमांद के वीर वराधी वीर, अजय पाल, जौंगा के महावीर, कमांद के वीर कैला, महाराजा कोठी के पांचवीर, हरि नारायण आदि 7 देवताओं ने जलेब में भाग लिया।
इस दौरान देवी-देवता के कारकूनोंं ने भगवान की पालकी में पुष्प भेंट किए। नरसिंह भगवान की जलेब का दशहरा उत्सव में विशेष महत्व है। मान्यता है कि दशहरा उत्सव में सुख-शांति के लिए भगवान रघुनाथ ऐतिहासिक ढालपुर मैदान के चारों ओर सुरक्षा चक्कर लगाकर कई प्रकार की बुरी शक्तियों से सभी की रक्षा करते हैं।
इसके लिए भगवान नरसिंह की पालकी में ढाल-तलवार से पूरे दशहरा मैदान के चारों ओर परिक्रमा की जाती है ताकि दशहरा उत्सव में बुरी शक्ति किसी भी तरह की बाधा न पहुंचाए। दशहरा उत्सव में प्राचीन काल से जलेब की परंपराओं का निर्वहन किया जाता है।