देश-दुनिया से अलग थलग पड़ा कुल्लू-मनाली और लाहौल , 60 घंटे से सपर्क मार्ग बंद

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर भले ही थम गया हो, लेकिन तबाही का दौर और दुश्वारियां थम नहीं रहीं। शुक्रवार को 60 घंटे बाद भी कुल्लू-मनाली और लाहौल घाटी का सड़क संपर्क कटा रहा। कुल्लू-मंडी नेशनल हाईवे के अलावा सभी वैकल्पिक मार्ग तीसरे दिन भी बंद रहे। बद्दी को पिंजौर से जोड़ने वाला पुल पूरा ध्वस्त हो गया। 100 किमी का अतिरिक्त सफर कर रूपनगर से ट्रक और अन्य मालवाहक बीबीएन आ रहे

Aug 25, 2023 - 20:11
 0  39
देश-दुनिया से अलग थलग पड़ा कुल्लू-मनाली और लाहौल , 60 घंटे से सपर्क मार्ग बंद

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू  25-08-2023

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर भले ही थम गया हो, लेकिन तबाही का दौर और दुश्वारियां थम नहीं रहीं। शुक्रवार को 60 घंटे बाद भी कुल्लू-मनाली और लाहौल घाटी का सड़क संपर्क कटा रहा। कुल्लू-मंडी नेशनल हाईवे के अलावा सभी वैकल्पिक मार्ग तीसरे दिन भी बंद रहे। बद्दी को पिंजौर से जोड़ने वाला पुल पूरा ध्वस्त हो गया। 100 किमी का अतिरिक्त सफर कर रूपनगर से ट्रक और अन्य मालवाहक बीबीएन आ रहे हैं। उधर जिला सोलन के बद्दी की सेंसीवाला में महिला कार समेत खड्ड में बह गई। महिला की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया है। महिला धार्मिक कार्यक्रम से रात करीब 12:15 बजे अपने पति और पोती के साथ लौट रही थी। हालांकि पति और पोती बच गए। उधर, मंडी की ऊहल खड्ड में 15 अगस्त को बही रोपा निवासी महिला का शव बरामद हुआ है। 

कुल्लू-मंडी एनएच बंद होने से सेब , सब्जियों से लदे वाहन सड़कों पर फंसे हुए हैं। गाड़ियों से सेब और सब्जियां निकालकर सड़कों पर रख दी है , ताकि खराब न हों। कुल्लू की मंडियों में भी चार दिन से सेब डंप है। कई लोगों ने तोड़ा हुआ सेब अपने घरों में रखा है। उधर, कुल्लू शहर में पेट्रोल पंपों पर तेल का स्टॉक भी आधा ही बचा है। स्कूटी, दोपहिया वाहन वालों को दो और कार के लिए मात्र पांच लीटर पेट्रोल ही दिया जा रहा है। राशन और जरूरी दवाइयों का अब संकट गहराने लगा है। जल्द मार्ग बहाल नहीं हुए तो हालात बिगड़ सकते हैं। उधर, मंडी जिले में भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। 

 

टारना में 22 से अधिक घर ढहने के बाद 40 और घरों को खतरा हो गया है। प्रशासन ने घर खाली करवा लिए हैं। सराज घाटी में खतरे में आए मकानों से लोगों को रेस्क्यू करने के लिए अभियान चलाया है। सेना के हेलीकॉप्टर से शुक्रवार को भी दुर्गम इलाकों के लिए राहत सामग्री भेजी गई। पंडोह डैम के आसपास फंसे करीब 200 वाहनों और लोगों को निकालने के लिए प्रयास जारी हैं। मलबे में दबे ताई और भतीजी के शव अभी तक नहीं मिल पाए हैं। शुक्रवार को भले ही सूबे के अधिकतर इलाकों में धूप खिली लेकिन 450 सड़कों पर भी आवाजाही ठप है। 

 

इस मानसून सीजन में 24 जून से 25 अगस्त तक 372 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इनमें से 126 की सड़कों हादसों में मौत हो गई। कुल 349 घायल हुए हैं। राज्य में 2400 घर ढह हो गए हैं। 10338 को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसके अतिरिक्त 303 दुकानों व 5133 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। मानसून सीजन के दौरान अब तक 8468.25 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। अब तक राज्य में भूस्खलन की 156 और अचानक बाढ़ की 66 घटनाएं सामने आई हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow