पांच करोड़ रुपए की लागत से नालागढ़ में नेशनल फिश ब्रूड बैंक का होगा निर्माण 

प्रदेश के सोलन जिला के नालागढ़ में राष्ट्रीय स्तर का फिश ब्रूड बैंक स्थापित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर पांच करोड़ रुपए की लागत आएगी। मत्स्य विभाग ने एक प्रस्ताव राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एनएफडीबी) को प्रेषित किया गया

Oct 12, 2023 - 13:47
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पांच करोड़ रुपए की लागत से नालागढ़ में नेशनल फिश ब्रूड बैंक का होगा निर्माण 

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन    12-11-2023

प्रदेश के सोलन जिला के नालागढ़ में राष्ट्रीय स्तर का फिश ब्रूड बैंक स्थापित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर पांच करोड़ रुपए की लागत आएगी। मत्स्य विभाग ने एक प्रस्ताव राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एनएफडीबी) को प्रेषित किया गया है। उस ओर से मंजूरी मिलने के बाद अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। 

इस प्रोजेक्ट के फलीभूत पर यह लाभ होगा कि मत्स्य विभाग को रेजवायर में डालने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला नर और मादा मछली का मैच्योर बीज उपलब्ध होगा। इस सीड को मत्स्यपालक भी अपने तालाबों के लिए प्राप्त कर सकेंगे। 

मत्स्य निदेशालय बिलासपुर के नवनियुक्त निदेशक विवेक चंदेल ने बताया कि कार्यभार ग्रहण करने के बाद अभी तक मंडी के अलसू व सोलन के नालागढ़ स्थित विभाग के बहुत बड़े कॉमन कार्प फार्म का विजिट किया है। नालागढ़ फार्म का पिछले ही दिन विजिट किया गया है। 

आठ हेक्टेयर में फैले इस फार्म में मछली की नौ प्रजातियां तैयार की जा रही हैं, जिसमें रोहू, मृगल, कॉमन कार्प, ग्रासकार्प, गोल्ड फिश, कोई कार्प और पैंगेसियस शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नालागढ़ फार्म में राष्ट्रीय स्तर का बू्रड बैंक तैयार करने की महत्त्वाकांक्षी योजना पर काम चल रहा है। जैसे ही मंजूरी आएगी, तो काम शुरू किया जाएगा।

इसका लाभ यह होगा कि नालागढ़ फार्म में स्पॉन यानी जीरा साइज मछली का दो करोड़ बच्चा तैयार हो सकेगा। अभी तक एक करोड़ कैपेसिटी है, जबकि इस नए प्रोजेक्ट के सिरे चढ़ाने से यह आंकड़ा दो करोड़ तक पहुंच जाएगा। इससे रेजरवायर में डालने के लिए विभाग के पास उच्च गुणवत्ता वाला बीज काफी मात्रा में उपलब्ध होगा। 

उन्होंने बताया कि नालागढ़ फिंगर लिंग तैयार करने की क्षमता अभी 10 लाख है, जबकि आने वाले समय में यह कैपेसिटी बढक़र 20 लाख तक पहुंच जाएगी। उल्लेखनीय है कि हर साल जलाशयों के लिए विभाग को बाहरी बीज पर निर्भर रहना पड़ता है। इस नए प्रोजेक्ट से बाहर से बीज आयात करने पर निर्भरता कम होगी। 

इस प्रोजेक्ट पर पांच करोड़ रुपए की लागत आएगी। राष्ट्रीय मत्स्यिकी विकास बोर्ड की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। नालागढ़ फार्म में वायोफ्लॉक फिश फार्म भी स्थापित है, जबकि एक प्रोजेक्ट रि-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम का है। इस प्रोजेक्ट में पैंगेसियस प्रजाति की मछली तैयार की जा रही है, जिसकी ग्रोथ काफी बेहतर है। 

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