प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्य संसदीय सचिवों को दिए दर्जे पर स्टे लगाने से किया इंकार 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को मुख्य संसदीय सचिवों को दिए दर्जे पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने कोर्ट से अपना पक्ष रखने के लिए 8 और 9 मई तक का समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने मंजूर

Apr 25, 2024 - 11:18
 0  230
प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्य संसदीय सचिवों को दिए दर्जे पर स्टे लगाने से किया इंकार 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     25-04-2024

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को मुख्य संसदीय सचिवों को दिए दर्जे पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने कोर्ट से अपना पक्ष रखने के लिए 8 और 9 मई तक का समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। अब मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी। 

लगातार तीन दिन तक चली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस पूरी हो गई है।  न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश विपिन चंद नेगी की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। 

सरकार की ओर से 23 मई को अदालत में एक हलफनामा दायर किया था। जिसमें अदालत से गुहार लगाई गई थी कि इस मामले को 8 और 9 मई को सुना जाए। सरकार ने मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं को नियुक्त किया है, जिसकी वजह से प्रदेश सरकार बुधवार को हाईकोर्ट में अपना पक्ष नहीं रख सकी। 

अदालत ने हलफनामा मंजूर करते हुए कहा कि सरकार 8 मई को अपना पक्ष अदालत में रखे। अदालत में सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर की ओर से पेश अधिवक्ता देवेन खन्ना ने डेढ़ घंटे तक मामले में बहस की। उन्होंने अदालत को बताया कि हिमाचल प्रदेश ने 2006 में जो अधिनियम बनाया, वह संविधान के खिलाफ नहीं है। 

राज्य सरकार ऐसे विषय पर कानून बना सकती है। उन्होंने अदालत को बताया कि सीपीएस को मंत्रियों वाली कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। उन्हें न कैबिनेट रैंक दिया है। सीपीएस निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow