मशरूम की खेती कर आत्मनिर्भर हो रही प्रदेश की महिलाएं, सालाना कर रही लाखों की कमाई
जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी यानी “जाइका वानिकी परियोजना” से पहाड़ की महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहे हैं। प्रदेश में मशरूम की खेती करने के लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद की जा रही
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 05-11-2023
जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी यानी “जाइका वानिकी परियोजना” से पहाड़ की महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहे हैं। प्रदेश में मशरूम की खेती करने के लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद की जा रही है।
बताया गया कि 65 स्वयं सहायता समूह ने एक वर्ष के अंतराल में 12 लाख से अधिक की कमाई की। यह अपने आप में रिकार्ड भी है। हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन एवं आजीविका सुधार परियोजना प्रदेश के 18 वन मंडलों के 32 फॉरेस्ट रेंज में प्रोजेक्ट के माध्यम से मशरूम की खेती की जा रही है।
जाइका के माध्यम से प्रदेश की 65 स्वयं सहायता समूहों को हर मौसम में मशरूम की खेती करने के तरीके बताए जा रहे हैं। बताया गया कि 65 स्वयं सहायता समूह ने एक वर्ष के अंतराल में 12 लाख से अधिक की कमाई की। यह अपने आप में रिकार्ड भी है।
हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन एवं आजीविका सुधार परियोजना प्रदेश के 18 वन मंडलों के 32 फॉरेस्ट रेंज में प्रोजेक्ट के माध्यम से मशरूम की खेती की जा रही है। जाइका के माध्यम से प्रदेश की 65 स्वयं सहायता समूहों को हर मौसम में मशरूम की खेती करने के तरीके बताए जा रहे हैं।
जाइका प्रोजेक्ट के माध्यम से हिमाचल की महिलाएं अपनी आर्थिकी में सुधार करने लगी हैं। स्वयं सहायता समूह के तहत जुड़ी महिलाएं बटन मशरूम, शिकटा मशरूम और ढिंगरी मशरूम की खेती कर अच्छी कमाई कर रही हैं।
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