महिलाओं को बस किराये में 50 फीसदी छूट देने के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर
हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को बस किराये में 50 फीसदी छूट देने के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान की पीठ ने निजी बस ऑपरेटर रमेश कमल की याचिका को खारिज
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 15-08-2023
हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को बस किराये में 50 फीसदी छूट देने के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान की पीठ ने निजी बस ऑपरेटर रमेश कमल की याचिका को खारिज कर दिया है।
अदालत ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से साफ इंकार किया है। हिमाचल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने 16 दिसंबर 2022 को महिलाओं के उत्थान में सरकार की ओर से लिए गए निर्णय को सही ठहराया था।
खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा था कि सरकार के बजट का एक छोटा सा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियों को पढ़ने में मददगार होगा। पैसों की कमी की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों की कुछ लड़कियां स्कूल छोड़ने को मजबूर हो जाती हैं। हाईकोर्ट ने कहा था कि समाज के किसी विशेष वर्ग को रियायत देना सरकार का पॉलिसी निर्णय है।
इस तरह के निर्णय को निरस्त किया जाना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 के खिलाफ है। अदालत ने कहा था कि महिलाओं और बच्चों को बसों में रियायत दिए जाने का निर्णय अकेले हिमाचल सरकार ने ही नहीं लिया है। नारी सशक्तिकरण के लिए इससे पहले देश के कई राज्यों ने इस तरह की योजनाएं बनाई है।
अदालत ने कहा था कि यदि महिलाओं को बसों में रियायती दरों पर सफर करने की इजाजत दी जाती है तो ज्यादा संख्या में महिलाएं बसों में सफर करेंगी। इस तरह से वे बसों में अधिक महिलाओं के बीच अकेला महसूस नहीं करेंगी।
What's Your Reaction?