मानव खून की प्यासी बनी हिमाचल की भाग्य रेखाएं , एक वर्ष में 2253 सडक़ हादसों में 889 की गई जान

हिमाचल को सडक़ सुरक्षा के मामले में ज्यादा गंभीरता से काम करने की जरूरत है। हिमाचल में कोरोना के बाद सडक़ हादसों में फिर से इजाफा हुआ है। साल 2023 में राज्य में 2253 सडक़ दुर्घटनाएं हुई। इनमें 3304 लोग घायल हुए, जबकि चार लोगों को स्थायी दिव्यांगता हो गई। 889 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी

Feb 27, 2024 - 18:13
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मानव खून की प्यासी बनी हिमाचल की भाग्य रेखाएं , एक वर्ष में 2253 सडक़ हादसों में 889 की गई जान

 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  27-02-2024

हिमाचल को सडक़ सुरक्षा के मामले में ज्यादा गंभीरता से काम करने की जरूरत है। हिमाचल में कोरोना के बाद सडक़ हादसों में फिर से इजाफा हुआ है। साल 2023 में राज्य में 2253 सडक़ दुर्घटनाएं हुई। इनमें 3304 लोग घायल हुए, जबकि चार लोगों को स्थायी दिव्यांगता हो गई। 889 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। 

साल 2023 में ही हिमाचल पथ परिवहन निगम की भी 65 बस दुर्घटनाग्रस्त हुई। ज्यादातर हादसों में कारण मानवीय भूल को ही बताया है। ये आंकड़े हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सरकार की ओर से रखे गए हैं। भाजपा विधायक डा. जनक राज ने साल 2023 में हुई सडक़ दुर्घटनाओं को लेकर सवाल पूछा था। उन्होंने सडक़ दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले और घायल लोगों की भी जानकारी मांगी थी। 

इसके अलावा विपक्ष के सदस्य ने जिलेवार एसडीआरएफ धन व्यय की जानकारी भी देने के लिए कहा था। राज्य सरकार की ओर से एसडीआरएफ की ओर से संबंधित जिला उपायुक्तों के माध्यम से खर्च हुई राशि का ब्यौरा दिया है। हिमाचल प्रदेश में एसडीआरएफ के तहत 41 लाख 10 हजार 800 रुपए की राशि खर्च हुई है। 

इसमें बिलासपुर में 3 लाख 4 हजार 800 रुपए, चंबा में 3 लाख 99 हजार 200 रुपए, हमीरपुर में 88 हजार रुपए, किन्नौर में 1.20 लाख, कुल्लू में 27 हजार, लाहौल-स्पीति में एक 13.3 लाख, मंडी में 1.74 लाख रुपए, शिमला में 8.30 लाख रुपए सिरमौर में 31 हजार रुपए, सोलन में 2.55 लाख और ऊना में 5.78 लाख रुपए की राशि खर्च हुई।

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