पंचतत्व में विलीन हुए शहीद राकेश , माँ, पत्नी और बेटी ने दिया अर्थी को कंधा, हजारों नम आंखों ने दी विदाई

मंडी के वीर सपूत राकेश कुमार के बलिदान होने से गमगीन परिवार ने दुख की घड़ी में भी देशभक्ति का जज्बा दिखाया। 90 साल की मां बेटे की पार्थिव देह पहुंचने पर सीना चौड़ा कर खड़ी रहीं। मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने पर मां अपने बेटे पर गर्व महसूस कर रही थी। घर से लेकर श्मशान घाट तक जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक राकेश कुमार का नाम रहेगा के नारों से गूंज उठा। दर्द को दिल में छिपाकर पत्नी भानु प्रिया, बेरे प्रणव और बेटी यशस्वी ठाकुर ने भी हिम्मत नहीं हारी

Nov 12, 2024 - 20:47
Nov 12, 2024 - 21:16
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पंचतत्व में विलीन हुए शहीद राकेश , माँ, पत्नी और बेटी ने दिया अर्थी को कंधा, हजारों नम आंखों ने दी विदाई
 
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  12-11-2024

मंडी के वीर सपूत राकेश कुमार के बलिदान होने से गमगीन परिवार ने दुख की घड़ी में भी देशभक्ति का जज्बा दिखाया। 90 साल की मां बेटे की पार्थिव देह पहुंचने पर सीना चौड़ा कर खड़ी रहीं। मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने पर मां अपने बेटे पर गर्व महसूस कर रही थी। घर से लेकर श्मशान घाट तक जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक राकेश कुमार का नाम रहेगा के नारों से गूंज उठा। दर्द को दिल में छिपाकर पत्नी भानु प्रिया, बेरे प्रणव और बेटी यशस्वी ठाकुर ने भी हिम्मत नहीं हारी। 
बेटी यशस्वी और बेटे प्रणव ने आतंकवादियों को कड़ा संदेश दिया कि उनके बलिदानी पिता को तो तुमने छीन लिया लेकिन अपनी माटी के लिए उनके परिवार ने हिम्मत नहीं हारी है। आतंकवाद के विरुद्ध परिजनों, स्थानीय लोगों, नेताओं और पूर्व सैनिकों का जोश भी देखने लायक रहा। राकेश के बलिदान से पैतृक गांव बरनोग ही नहीं, बल्कि पूरे मंडी जिले में शोक की लहर रही। घर के आंगन में पार्थिव देह को जैसे ही सैनिक टुकड़ी ने नीचे उतारा गया तो बलिदानी की पत्नी भानुप्रिया और बेटा प्रणव उससे लिपट गए और फूट-फूट कर रोने लगे। यहीं परिजनों ने राकेश कुमार के अंतिम दर्शन किए। 
इस दौरान मौजूद रिश्तेदार और हजारों ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। इस दौरान जनसैलाब भी उमड़ पड़ा। हजारों लोगों ने अपने वीर सपूत को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। श्मशान घाट में सेना के जवानों ने बेटे प्रणव को तिरंगा सौंप सैल्यूट किया। नेरचौक मेडिकल कॉलेज से सुबह करीब 9:00 बजे जांबाज नायब सूबेदार राकेश की पार्थिव देह को जीप में छम्यार पंचायत लाया गया। 
नेरचौक मेडिकल कॉलेज में व्यापार मंडल के अलावा प्रशिक्षु डॉक्टरों ने बलिदानी राकेश कुमार की कुर्बानी को सैल्यूट किया। यहां से फूलों की बारिश के बीच उन्हें पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया। इस दौरान नेरचौक , डडौर, कंसा , स्यांह, लोहारा, नलसर, बग्गी समेत बलिदानी के घर तक सड़क किनारे लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई भारत माता के इस वीर सपूत की एक झलक देखने के लिए टकटकी लगाए इंतजार करता रहा।

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