पंचतत्व में विलीन हुए शहीद राकेश , माँ, पत्नी और बेटी ने दिया अर्थी को कंधा, हजारों नम आंखों ने दी विदाई
मंडी के वीर सपूत राकेश कुमार के बलिदान होने से गमगीन परिवार ने दुख की घड़ी में भी देशभक्ति का जज्बा दिखाया। 90 साल की मां बेटे की पार्थिव देह पहुंचने पर सीना चौड़ा कर खड़ी रहीं। मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने पर मां अपने बेटे पर गर्व महसूस कर रही थी। घर से लेकर श्मशान घाट तक जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक राकेश कुमार का नाम रहेगा के नारों से गूंज उठा। दर्द को दिल में छिपाकर पत्नी भानु प्रिया, बेरे प्रणव और बेटी यशस्वी ठाकुर ने भी हिम्मत नहीं हारी
मंडी के वीर सपूत राकेश कुमार के बलिदान होने से गमगीन परिवार ने दुख की घड़ी में भी देशभक्ति का जज्बा दिखाया। 90 साल की मां बेटे की पार्थिव देह पहुंचने पर सीना चौड़ा कर खड़ी रहीं। मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने पर मां अपने बेटे पर गर्व महसूस कर रही थी। घर से लेकर श्मशान घाट तक जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक राकेश कुमार का नाम रहेगा के नारों से गूंज उठा। दर्द को दिल में छिपाकर पत्नी भानु प्रिया, बेरे प्रणव और बेटी यशस्वी ठाकुर ने भी हिम्मत नहीं हारी।
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