हिमाचल में 263 लोगों की लील गया मानसून , 37 लोग लापता , 397 सड़कें बाधित , प्रदेश को आपदा से 2,173 करोड़ रुपए की क्षति 

प्रदेश में मूसलाधार बारिश से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 263 हो गई है और तीन राष्ट्रीय राजमार्गों एनएच-03, एनएच-05 और एनएच-305 सहित लगभग 397 सड़कों पर आवागमन बाधित है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण 20 जून से अब तक कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 263 हो गई है, जबकि 332 लोग घायल और 37 लापता बताए गए हैं।

Aug 18, 2025 - 15:13
Aug 18, 2025 - 15:25
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हिमाचल में 263 लोगों की लील गया मानसून , 37 लोग लापता , 397 सड़कें बाधित , प्रदेश को आपदा से 2,173 करोड़ रुपए की क्षति 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  18-08-2025
प्रदेश में मूसलाधार बारिश से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 263 हो गई है और तीन राष्ट्रीय राजमार्गों एनएच-03, एनएच-05 और एनएच-305 सहित लगभग 397 सड़कों पर आवागमन बाधित है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण 20 जून से अब तक कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 263 हो गई है, जबकि 332 लोग घायल और 37 लापता बताए गए हैं। सतलुज नदी के उफान से शिमला-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग, कुछ जगहों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और कुछ क्षेत्रों में सड़कों की चौड़ाई घट गई है। इस खंड को असुरक्षित घोषित करके इसे सभी वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। 
साथ ही वैकल्पिक थाली ब्रिज मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है। पिछले 24 घंटों के दौरान स्थानीय नालों में जलस्तर बढ़ने और सतलुज नदी में पानी के बढ़ते बहाव के कारण कई सड़कें बह गईं और मलबा व कीचड़ जमा हो गया, जिससे मंडी, कुल्लू, किन्नौर और शिमला ज़िले में कई जगहों पर वाहनों का आवागमन बाधित हुआ है। एसडीएम सदर मंडी, रूपिंदर कौर ने बताया कि लगातार भारी बारिश के कारण जिले में कई भूस्खलन हुए हैं, जिसके चलते सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर, पधार और जोगिंदर नगर के बीच का मार्ग वर्तमान में उरला में भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है। बारिश की आपदा का असर शिक्षा क्षेत्र में भी दिख रहा है। 
भारी वर्षा और भूस्खलन से सुरक्षा जोखिम का हवाला देते हुए कुल्लू के अन्नी उपखंड और मंडी सदर उपखंड में जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बारिश की आपदा के कारण इस पहाड़ी राज्य में वर्तमान में 883 बिजली ट्रांसफार्मर और 122 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हो गई हैं। करीब 2.17 लाख हेक्टेयर से ज्यादा इलाके में लगी फसलें प्रभावित हुई हैं और सड़कों, घरों, बिजली और जलापूर्ति के बुनियादी ढांचे को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अनुमान है कि सार्वजनिक और निजी दोनों तरह की संपत्तियों को कुल मिलाकर 2,173 करोड़ रुपए की हानि हुई है। 
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हजारों मुर्गियों के साथ साथ 27,381 पशु मारे गए हैं, जिससे पशुपालन पर निर्भर ग्रामीण परिवारों की परेशानी और बढ़ गई है। घरों को भारी नुकसान हुआ है, 288 घर पूरी तरह से और 293 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, 733 गौशालाएं और 1,142 दुकानें या कारखाने नष्ट हो गए हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में अलग-अलग स्थानों पर गरज और बिजली के साथ भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। अधिकारियों ने जनता से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।

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