यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 26-06-2025
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के भव्य सभागार में बुधवार को कलाम ऑफ हिमाचल स्कॉलरशिप टेस्ट 2025’ का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस स्कॉलरशिप टेस्ट का आयोजन विद्यापीठ द्वारा किया गया, जिसका उद्घाटन प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान शिमला शहर के विभिन्न 50 स्कूलों के लगभग 500 छात्रों ने इस स्कॉलरशिप टेस्ट की लॉन्चिंग में भाग लिया। बच्चों में इस टेस्ट को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें देश का उज्ज्वल भविष्य बताया। इस बार विद्यापीठ द्वारा स्कॉलरशिप व इनाम में बड़ा विस्तार किया गया है। इस वर्ष 20 लाख रुपये के कैश प्राइज और 50 लाख रुपये तक की स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी।
स्कॉलरशिप टेस्ट में राज्य स्तरीय टॉपर को ढाई लाख रुपये का नकद पुरस्कार एवं विशेष स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसके अलावा अन्य प्रतिभागी छात्रों को भी उनकी रैंकिंग के आधार पर नकद पुरस्कार और स्कॉलरशिप से नवाजा जाएगा। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षकों और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी रही। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाने तक सीमित नहीं है। यह जीवन को दिशा देने, समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि यह कृत्रिम बुद्धिमता का समय है लेकिन जो डाटा आप उपलब्ध करवाओगे वैसे ही परिणाम ए.आई. देगा। इसलिए उसका उपयोग सोच-समझकर किया जाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को यू-ट्यूब से बचने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि भारत ए.आई. के क्षेत्र में सबसे आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि टैक्नोलोजी के क्षेत्र में नौकरियों की कोई कमी नहीं है और आज सरकारी क्षेत्र में उच्च पदों पर कार्य करने वाले व्यक्ति भी नौकरियों छोड़कर टैक्नोलोजी के विभिनन क्षेत्र में काम करने के इच्छुक हैं।
शुक्ल ने कहा कि विद्यार्थी आज का नागरिक है। आज का विद्यार्थी भविष्य को बनाने वाला है। आज का विद्यार्थी देश को आगे ले जाने वाला है। इसलिए, जब वह अपने वर्तमान को लेकर चलेगा तभी भविष्य का निर्माण कर पाएगा। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा जहां हमें रोजगार देती है वहीं यह शिक्षा हमें शक्तिशाली और सशक्त भी बनना है और इसी शिक्षा से हमें संस्कारित भारत की संरचना भी करनी है। इसी को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। नई शिक्षा नीति में युवाओं के लिए अनेक संभावनाएं है, जिसका स्वागत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का विज्ञान हमेशा से समृद्ध रहा है और हमें दुनिया को दशमलव देने का गौरव भी प्राप्त है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए राज्यपाल ने कहा कि नौकरी कोई भी करो लेकिन शिक्षा का भाव हमेशा रहना चाहिए। अध्यापक का अर्थ है, जो सीखता है और लोगों को सिखाता है। सीखने और सिखाने में ही नव विद्यार्थी अंकुरित होता है जो देश को बनाता है।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को समय की उपयोगिता को समझने की सीख भी दी। उन्होंने कहा कि संस्कारित होकर मेहनत करें और हिमाचल को बनाने में अपना योगदान दें। इस अवसर पर, राज्यपाल ने विद्यापीठ संस्थान द्वारा शुरू किए गए ‘कलाम ऑफ हिमाचल’ का शुभारम्भ भी किया। विद्यापीठ संस्थान के निदेशक रविंद्र अवस्थी ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा संस्थान के निदेशक रमेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा, विद्यार्थियों के अभिभावक, शिक्षक और विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे। आयोजकों ने बताया कि इस स्कॉलरशिप टेस्ट का उद्देश्य हिमाचल के होनहार विद्यार्थियों को पहचान कर उन्हें शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाना है। कार्यक्रम का समापन सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाओं के साथ हुआ और आयोजकों ने भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों को और अधिक व्यापक रूप से आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई।