एम्स के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग में करीब सवा दो करोड़ रुपये की लागत से डेक्सा मशीन होगी स्थापित
हिमाचल प्रदेश में अब हड्डियों की मजबूती और घनत्व का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध होने जा रही है। एम्स बिलासपुर के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग में करीब सवा दो करोड़ रुपये की लागत से डेक्सा मशीन लगाई जा रही है। मशीन एम्स परिसर में पहुंच चुकी है और इसका इंस्टालेशन एक विदेशी कंपनी करेगी

यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर 19-08-2025
हिमाचल प्रदेश में अब हड्डियों की मजबूती और घनत्व का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध होने जा रही है। एम्स बिलासपुर के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग में करीब सवा दो करोड़ रुपये की लागत से डेक्सा मशीन लगाई जा रही है। मशीन एम्स परिसर में पहुंच चुकी है और इसका इंस्टालेशन एक विदेशी कंपनी करेगी।
अगले दो माह में सेवाएं शुरू हो जाएंगी। एम्स बिलासपुर प्रदेश का पहला ऐसा संस्थान होगा, जहां इस स्तर की हाई-एंड सुविधा मरीजों को मिलेगी। अब तक प्रदेश के मरीजों को हड्डियों की इस तरह की जांच के लिए चंडीगढ़ या अन्य बड़े शहरों पर निर्भर रहना पड़ता था। इस मशीन के लगने से खासकर बुजुर्ग, महिलाओं और हड्डियों से संबंधित रोगियों को काफी राहत मिलेगी।
डेक्सा मशीन के जरिये हड्डियों के घनत्व को मापा जाता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों के कमजोर होने की शुरुआती पहचान हो जाती है और यह पता चलता है कि मरीज में भविष्य में फ्रैक्चर का खतरा कितना है। यही नहीं, इलाज के दौरान दवाओं और थेरेपी के असर का भी सटीक मूल्यांकन संभव होगा।
मेनोपॉज के बाद की महिलाएं, 65 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष, स्टेरॉयड या कैंसर थेरेपी पर चल रहे मरीज, बार-बार फ्रैक्चर के इतिहास वाले लोग, थायरॉयड, किडनी और लीवर की पुरानी बीमारी वाले मरीजों को हड्डियों की स्थिति का पता लगाने में इसका बड़ा लाभ मिलेगा।
एम्स में डेक्सा मशीन लगने से प्रदेश के लोगों को न केवल बाहर जाने से छुटकारा मिलेगा, बल्कि समय रहते गंभीर बीमारियों को रोका भी जा सकेगा। इससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर जैसी स्थितियों में मरीजों की जीवन-गुणवत्ता सुधरेगी और खर्च भी कम होगा।
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