स्वरोजगार अपना कर कैसे बने सफल उद्यमी , कफोटा में द प्लैनेट एजुकेशन सोसाइटी ने किया कार्यशाला का आयोजन

प्री-ग्रामीण उष्मायन केंद्र राजकीय महाविद्यालय कफोटा, जिला सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) में विश्व बैंक एवं भारत सरकार के सहयोग से उद्योग विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा संचालित रैंप (RAMP) योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश उद्यमिता विकास केंद्र (HPCED) की कार्यान्वयन एजेंसी द प्लैनेट एजुकेशन सोसाइटी द्वारा जिला स्तरीय तृतीय सेंसिटाइजेशन वर्कशॉप का सफल आयोजन किया गया

Dec 29, 2025 - 19:57
Dec 29, 2025 - 20:17
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स्वरोजगार अपना कर कैसे बने सफल उद्यमी , कफोटा में द प्लैनेट एजुकेशन सोसाइटी ने किया कार्यशाला का आयोजन
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब  29-12-2025
प्री-ग्रामीण उष्मायन केंद्र राजकीय महाविद्यालय कफोटा, जिला सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) में विश्व बैंक एवं भारत सरकार के सहयोग से उद्योग विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा संचालित रैंप (RAMP) योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश उद्यमिता विकास केंद्र (HPCED) की कार्यान्वयन एजेंसी द प्लैनेट एजुकेशन सोसाइटी द्वारा जिला स्तरीय तृतीय सेंसिटाइजेशन वर्कशॉप का सफल आयोजन किया गया। इस प्री-ग्रामीण ऊष्मायन केंद्र का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को उद्यमिता एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। 
यह केंद्र विशेष रूप से उन युवाओं को प्रशिक्षित करेगा जो लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना करना चाहते हैं अथवा पहले से ऐसे उद्योग संचालित कर रहे हैं। साथ ही, यह केंद्र तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल में सुधार हेतु उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन उपलब्ध कराएगा। इस कार्यशाला में कई अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. कुलदीप सिंह (प्रधानाचार्य), प्रो. अनिकेत पुंडीर, प्रो. दिनेश, प्रो. सुमित्रा (राजकीय महाविद्यालय कफोटा), आशीष जायसवाल (एक्सपर्ट फैकल्टी / रिसोर्स पर्सन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश),  मंजीत सिंह (प्रधानाचार्य), श्री पंकज (राजकीय प्रौद्योगिकी संस्थान कफोटा), हर्ष कुमार (सहायक प्रबंधक), उमेश खन्ना (द प्लैनेट एजुकेशन सोसाइटी, पांवटा साहिब) तथा राजकीय महाविद्यालय एवं आईटीआई कफोटा के अन्य स्टाफ सदस्य शामिल रहे। 
इस अवसर पर 90 से अधिक विद्यार्थियों ने भी सहभागिता की। कार्यक्रम के दौरान हर्ष कुमार एवं आशीष जायसवाल द्वारा विद्यार्थियों को यह जानकारी दी गई कि किस प्रकार वे अपने स्वयं के उद्यम की शुरुआत कर सकते हैं तथा व्यावसायिक विचारों को सफल व्यवसाय में परिवर्तित कर सकते हैं। सत्र के दौरान विद्यार्थियों में विशेष उत्साह एवं रुचि देखने को मिली। कार्यक्रम का समापन उद्यमिता एवं स्वरोजगार के प्रति जागरूकता और प्रोत्साहन के संदेश के साथ हुआ। यह पहल ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भरता एवं नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।

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