देवभूमि के मंदिरों को सदियों पहले भी बाहरी आक्रमणकारियों ने लूटा , अब सुक्खू कर रहे देवालयों को लूटने की साजिश : परमार

अब एक बार फिर देवभूमि हिमाचल प्रदेश के मंदिरों को लूटने की साजिश प्रदेश की सुक्खू की कांग्रेस सरकार कर रही है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा के कांगड़ा-चंबा प्रभारी एवं सूलह के विधायक विपिन सिंह परमार ने मंदिरों के पैसे सरकार को देने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने पर कड़ा प्रहार किया है। परमार ने कहा कि सदियों पहले भी बाहरी आक्रमणकारियों ने देश सहित देवभूमि हिमाचल के मंदिरों में की लूटपाट की थी

Mar 5, 2025 - 19:03
Mar 5, 2025 - 19:28
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देवभूमि के मंदिरों को सदियों पहले भी बाहरी आक्रमणकारियों ने लूटा , अब सुक्खू कर रहे देवालयों को लूटने की साजिश : परमार
यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला  05-03-2025

अब एक बार फिर देवभूमि हिमाचल प्रदेश के मंदिरों को लूटने की साजिश प्रदेश की सुक्खू की कांग्रेस सरकार कर रही है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा के कांगड़ा-चंबा प्रभारी एवं सूलह के विधायक विपिन सिंह परमार ने मंदिरों के पैसे सरकार को देने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने पर कड़ा प्रहार किया है। परमार ने कहा कि सदियों पहले भी बाहरी आक्रमणकारियों ने देश सहित देवभूमि हिमाचल के मंदिरों में की लूटपाट की थी, और धार्मिक व संस्कृति को मिटाने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि सुक्खू की कांग्रेस सरकार को देखकर लग रहा है कि 1009 ईवी में मंदिरों को लूटने वाले आज फिर से लौट आए हैं। लेकिन इस बार भारतवासी व हिमाचलवासी जाग चुके हैं, और किसी भी सूरत में अपने मंदिरों, धार्मिक आस्था व सांस्कृतिक विरासत को लूटने नहीं देंगे। पूर्व विस अध्यक्ष बोले कि ओपीएस की बात करने वाली सरकार पेंशनरों को पांच तारीख तक पेंशन ही नहीं दे पाई है। 
झूठी गांरटियों के घोड़े पे सवार तानाशाह ने अब मंदिरों में लूट की रणनीति चलाई है। जिसका भाजपा हर मोर्चे सहित सड़कों में उतरकर विरोध व धरने-प्रदर्शन करेगी। पूर्व विस अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश में आर्थिक संकट के बीच प्रदेश में झूठी गांरटियों, योजनाओं के संचालन के लिए सुक्खू सरकार की नजर अब धार्मिक ट्रस्टों और मंदिरों पर है। यही कारण है कि प्रदेश के बड़े मंदिरों को पत्र लिखकर पैसों की मदद मांगी गई है। परमार ने सुक्खू सरकार पर सनातन विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिरों की जमा पूंजी पर सरकार की नजर शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इसे किसी भी सूरत में नहीं होने देगी। सरकार के इस निर्णय का सड़क से सदन तक विरोध किया जाएगा। भाजपा प्रभारी ने कहा कि सरकार द्वारा मंदिरों से जबरन धनराशि लेने के लिए प्रशासनिक दबाव बनाया जा रहा है। 
यह न केवल सनातन परंपराओं का अपमान है, बल्कि प्रदेश की धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले भी अपने बयानों में सनातन विरोधी मानसिकता जाहिर कर चुके हैं, और अब सरकार अपने इसी एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने फ्लैगशिप कार्यक्रमों के प्रचार में करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन योजनाओं के वास्तविक लाभार्थियों को कोई राहत नहीं मिली। सुख आश्रय योजना के तहत पढ़ने वाले छात्रों की फीस न जमा होने का मामला इसका स्पष्ट उदाहरण है। प्रदेशभर में जगह-जगह मुख्यमंत्री की योजनाओं के होर्डिंग , पोस्टर और विज्ञापन लगे हुए हैं , लेकिन जब इन योजनाओं को संचालित करने की बात आई, तो सरकार के पास धनराशि नहीं है। 
अब सरकार मंदिरों से पैसा लेकर अपनी नाकाम योजनाओं को चलाना चाहती है। पूर्व विस अध्यक्ष परमार ने स्पष्ट किया कि भाजपा इस निर्णय को लागू नहीं होने देगी। उन्होंने प्रदेशवासियों से भी आह्वान किया कि वह सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध आवाज उठाएं। सरकार को जनता के कल्याण के लिए काम करना चाहिए। न कि मंदिरों के धन पर नजर गड़ाकर सनातन परंपराओं का अपमान करना चाहिए। सूलह के विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह समझ लेना चाहिए कि उनकी झूठ और ठगी की दुकान प्रदेश में नहीं चलने वाली है। सरकार को झूठे वादों से बचना चाहिए और जनहित में ठोस कार्य करने चाहिए।

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