आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन 17 फरवरी से करेंगे हड़ताल
आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू के बैनर तले आईजीएमसी अस्पताल के सफाई, वार्ड अटेंडेंट, सुरक्षा कर्मी, ईसीजी, मैस, लॉन्ड्री, डेटा एंट्री ऑपरेटर, ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट आदि 600 आउटसोर्स कर्मी अपनी मांगों

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 11-02-2025
आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू के बैनर तले आईजीएमसी अस्पताल के सफाई, वार्ड अटेंडेंट, सुरक्षा कर्मी, ईसीजी, मैस, लॉन्ड्री, डेटा एंट्री ऑपरेटर, ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट आदि 600 आउटसोर्स कर्मी अपनी मांगों की पूर्ति व 132 मजदूरों की बहाली के लिए 17 फरवरी से हड़ताल पर उतरेंगे। यह निर्णय आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू की बैठक में लिया गया।
बैठक में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला कोषाध्यक्ष बालक राम, सीटू नेता विवेक कश्यप, यूनियन अध्यक्ष वीरेंद्र लाल, महासचिव नोख राम, कोषाध्यक्ष सीता राम, निशा, सरीना, सुरेंद्रा, उमा, विद्या, वनीता, संजीव, लेख राज, वंदना, चमन, सरिता, सुनीता, उमा, मुकेश, संदीप, हीरा लाल आदि शामिल रहे। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर निकाले गए मजदूरों को तुरंत बहाल न किया गया तो आंदोलन तेज होगा व हड़ताल आगे बढ़ेगी।
अस्पताल प्रशासन द्वारा 132 कर्मियों को नौकरी से निकालने के खिलाफ मजदूर उग्र हो गए हैं व हड़ताल पर उतरने का निर्णय लिया है। यूनियन ने अस्पताल के प्रधानाचार्य, अतिरिक्त निदेशक व चिकित्सा अधीक्षक से तत्काल मांगों का समाधान मांगा है। यूनियन ने 132 मजदूरों की तत्काल बहाली की मांग की है। यूनियन ने निर्णय लिया है कि आईजीएमसी प्रशासन के खिलाफ निरंतर आंदोलन होगा।
इसके तहत हड़ताल, धरने प्रदर्शन, राजभवन, सचिवालय, महात्मा गांधी प्रतिमा, उपायुक्त कार्यालय मार्च व अधिकारियों के घेराव होंगे। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला कोषाध्यक्ष बालक राम, सीटू नेता विवेक कश्यप, यूनियन अध्यक्ष वीरेंद्र लाल, महासचिव नोख राम व कोषाध्यक्ष सीता राम ने अस्पताल के प्रबंधन व ठेकेदारों पर आरोप लगाया है कि वे मजदूरों का भयंकर शोषण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन की आपसी खींचतान व गुटबाजी में मजदूरों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। अस्पताल में मजदूरों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं मिल रहा है। आईजीएमसी में अभी भी श्रम कानूनों का गला घोंट कर 132 कोविड कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है।
आईजीएमसी अस्पताल में न्यूनतम वेतन, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, आठ घण्टे के कार्य दिवस, हर माह सात तारीख से पूर्व वेतन भुगतान, बोनस, चेंजिंग रूम, दो वर्दी सेट आदि मुद्दों का समाधान नहीं किया जा रहा है। आईजीएमसी अस्पताल प्रशासन श्रम क़ानूनों व 12 जून के श्रम कार्यालय में हुए समझौते की खुली अवहेलना कर रहा है। उन्होंने चेताया है कि अगर श्रम कानून लागू न हुए तो आंदोलन तेज होगा।
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