ज्ञान विज्ञान समिति ने स्कूलों में हवन इत्यादि धार्मिक कार्य बंद करवाने की मांग की 

सरकारी स्कूलों में यज्ञ और हवन करवाने के मामले में हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति ने हिमाचल प्रदेश सरकार के सचिव शिक्षा तथा निदेशक उच्च शिक्षा को ज्ञापन सौंपा है और ऐसे आयोजनों को सरकारी स्कूलों में बंद करवाने की मांग की

Apr 21, 2024 - 17:59
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ज्ञान विज्ञान समिति ने स्कूलों में हवन इत्यादि धार्मिक कार्य बंद करवाने की मांग की 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    21-04-2024

सरकारी स्कूलों में यज्ञ और हवन करवाने के मामले में हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति ने हिमाचल प्रदेश सरकार के सचिव शिक्षा तथा निदेशक उच्च शिक्षा को ज्ञापन सौंपा है और ऐसे आयोजनों को सरकारी स्कूलों में बंद करवाने की मांग की है। हिप्र ज्ञान विज्ञान समिति के  राज्य अध्यक्ष डॉ ओमप्रकाश और  राज्य सचिव सत्यवान पुण्डीर ने सरकारी स्कूलों में हवन और यज्ञ करवाने में  शामिल अध्यापकों और कर्मचारियों पर नियमानुसार उचित कार्यवाही करने का आग्रह किया है।

सत्यवान पुण्डीर ने बताया कि इन दिनों  सरकारी  स्कूलों में यज्ञ और हवन के मामले सामने आ रहे हैं। बीते दिनों  9 अप्रैल को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सरकाघाट में प्रधानाचार्य की देखरेख में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया और इसी तरह का आयोजन  मण्डी जिला के सदर खण्ड के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गोखडा में भी रिपोर्ट किया गया है।

उन्होने बताया कि बीते वर्ष आपदा के दौरान आईआईटी के निदेशक द्वारा हिमाचल के खानपान को लेकर इसी तरह का अवैज्ञानिक बयान दिया था जिसका समिति ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि मण्डी जिला में ही इस तरह की घटनाएं बार-बार क्यों हो रही है इससे शंका पैदा होती है कि यहां पर्दे के पीछे से कोई विशेष ताकत है जो शिक्षा संस्थानों के माहौल को दूषित करने का काम कर रही है। 

प्रशासन को ऐसी घटनाओं का गंभीरता से संज्ञान लेकर गहन छानबीन करनी चाहिए। सत्यवान पुण्डीर ने बताया कि शिक्षा संस्थानों में इस तरह के आयोजन गैर संवैधानिक और गैर वैज्ञानिक है जिससे संकीर्णता और अंधविश्वास को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने बताया कि स्कूल सार्वजनिक और पंथ निरपेक्ष परिसर है जहां बिना किसी धार्मिक या जातीय भेदभाव या संकीर्णता के शिक्षा प्रदान की जाती है और की जानी चाहिए। 

स्कूलों में संवैधानिक मूल्यों पर अमल करना सिखाया जाता है। उसी तटस्थ परिसर में धर्म विशेष पर आधारित आयोजन और कर्मकाण्ड करवाना और इसे बढ़ावा देना तर्कसंगत नहीं है।    निदेशक उच्च शिक्षा ने इस मामले में जांच करने और  उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।
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