शातिरों की अब खेर नहीं, प्रदेश के हर पुलिस थाने में साइबर एक्सपर्ट की मिलेंगी सेवाएं
साइबर अपराधी अब पुलिस के हाथों से नहीं बच पाएंगे। प्रदेश के हर पुलिस थाने में साइबर एक्सपर्ट की सेवाएं मिलेंगी। प्रदेश के सभी 158 थानों में साइबर डेस्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश पुलिस विभाग यह कदम उठाने जा रहा

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 11-08-2025
साइबर अपराधी अब पुलिस के हाथों से नहीं बच पाएंगे। प्रदेश के हर पुलिस थाने में साइबर एक्सपर्ट की सेवाएं मिलेंगी। प्रदेश के सभी 158 थानों में साइबर डेस्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश पुलिस विभाग यह कदम उठाने जा रहा है। योजना के तहत प्रदेश के सभी थानों में एक साइबर एक्सपर्ट तैनात होगा, जो साइबर अपराध के मामलों को संभालेगा।
साइबर एक्सपर्ट को 10 दिन का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रदेश पुलिस विभाग ने चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साइबर डेस्क के माध्यम से साइबर अपराधों पर तेजी से कार्रवाई कर दोषियों को पकड़ा जाएगा। साइबर अपराधों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए प्रदेश के सभी थानों को साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से जोड़ा जाएगा।
यह केंद्र सूचनाओं के आदान-प्रदान और समन्वय के लिए एक नोडल एजेंसी के तौर पर काम करेगा। बीते 15 महीनों में हिमाचल पुलिस की सीआईडी शाखा के तहत साइबर क्राइम विंग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आईसी (इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर) के साथ जुड़कर 1930 डाटा सेंटर शुरू किया है। 24 घंटे संचालित हो रहे सेंटर से 100 फीसदी कॉल का जवाब दिया जा रहा है।
सभी शिकायतें एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो) के पोर्टल पर अपलोड की जा रही हैं। हिमाचल साइबर पुलिस की रिकवरी प्रतिशतता भी 3 से बढ़कर 28 फीसदी पहुंच गई है। साइबर डेस्क की मदद से सभी थानों को साइबर स्टेशन से जोड़ा जाएगा। इससे रियल टाइम कनेक्ट स्थापित कर थानों से सीधे शिकायतें एनसीआरबी के पोर्टल पर अपलोड होंगी।
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