हिमाचल में रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा एमएसएमई क्षेत्र : हर्षवर्द्धन चौहान

उद्योग, संसदीय कार्य एवं श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) प्रदेश की आर्थिकी का आधार  है। उद्योग मंत्री आज एक दैनिक हिन्दी समाचार पत्र द्वारा सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्योग की दिशा में आयोजित क्षेत्रीय कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र न केवल रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि यह नवाचार, उद्यमिता और समावेशी विकास को बढ़ाने में भी अहम भूमिका अदा करता है

Sep 20, 2025 - 19:05
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हिमाचल में रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा एमएसएमई क्षेत्र : हर्षवर्द्धन चौहान
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  20-09-2025

उद्योग, संसदीय कार्य एवं श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) प्रदेश की आर्थिकी का आधार  है। उद्योग मंत्री आज एक दैनिक हिन्दी समाचार पत्र द्वारा सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्योग की दिशा में आयोजित क्षेत्रीय कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र न केवल रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि यह नवाचार, उद्यमिता और समावेशी विकास को बढ़ाने में भी अहम भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य लघु उद्योगों को और अधिक बढ़ावा देना है। प्रदेश सरकार नई उद्योग नीति बना रही है। नई नीति में विभिन्न उद्योग संघों विशेषकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे ताकि एक बेहतर नीति तैयार हो सके। 
उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर बल दिया जाएगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश काश्तकारी एवं भूमि सुधार अधिनियम , 1972 के नियम 118 के सरलीकरण पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि हिमाचल में स्थापित होने वाले उद्योगों को अधिक सुविधाएं प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में उद्योगपतियों व श्रमिकों की सुविधा के लिए टाउनशिप विकसित करने के लिए भूमि चयनित की जा रही है। इस टाउनशिप में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। हर्षवर्धन चौहान ने एमएसएमई के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि  प्रदेश स्तर पर उनकी विभिन्न समस्याओं का उचित समाधान किया जाएगा। उन्होंने समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का आश्वासन भी दिया। 
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को विभिन्न योजनाओं के तहत इस वित्त वर्ष में दी जाने वाली सहायता में कमी की गई है। इस कारण राज्य को लगभग 10 हजार करोड़ रुपए कम प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस कटौती के कारण प्रदेश को अनेक समास्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने के लिए यथा सम्भव प्रयास कर रही है और सभी के सहयोग से इस दिशा में आशातीत सफलता प्राप्त होगी।  उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एमएसएमई के प्रतिनिधियों की एक बैठक शिमला में आयोजित करवाई जाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ठाकुर करेंगे।  

इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के प्रतिनिधियों ने उद्योग मंत्री को अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत करवाया। प्रदेश लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष अखिल मोहन अग्रवाल, उद्योग संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमराज चौधरी तथा लघु उद्योग संघ बद्दी के अशोक राणा सहित अन्य प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर अपने विचार रखे। संयुक्त निदेशक उद्योग अनिल ठाकुर, सहायक निदेशक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग भारत सरकार पार्थ अशोक, महाप्रबंधक उद्योग सोलन सुरेंद्र ठाकुर, उपमंडलाधिकारी सोलन डॉ. पूनम बंसल, श्रम अधिकारी सोलन पृथ्वी सिंह वर्मा, श्रम विकास अधिकारी ललित शर्मा, सूक्ष्म, सहित विभिन्न उद्योगपति व अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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