प्रदेश के किसानों की आर्थिकी में हरियाली लाएगी हरी मिर्च, वैज्ञानिकों ने मिर्च की तीन नई किस्में की तैयार
हरी मिर्च खाने में तीखी होती है, तो खाने का स्वाद भी बढ़ाती है, अब यही हरी मिर्च प्रदेश के किसानों की आर्थिकी में भी हरियाली लाएगी। प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की मेहनत रंग लाई है और हरी मिर्च की ऐसी किस्में तैयार की गई

यंगवार्ता न्यूज़ - पालमपुर 12-05-2025
हरी मिर्च खाने में तीखी होती है, तो खाने का स्वाद भी बढ़ाती है, अब यही हरी मिर्च प्रदेश के किसानों की आर्थिकी में भी हरियाली लाएगी। प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की मेहनत रंग लाई है और हरी मिर्च की ऐसी किस्में तैयार की गई हैं, जिनमें न तो सडऩ रोग लगेगा, न ही यह पौधा मुरझाएगा। रोग प्रतिरोधक किस्में खाने के स्वाद में भी इजाफा करेंगी।
वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश के मध्यवर्तीय क्षेत्रों में हरी मिर्च में मुरझान रोग नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में कृषि विवि द्वारा तैयार की गई रोग प्रतिरोधी किस्में काफी लाभदायक होंगी। कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने पहली बार अनुवांशिक नर बांझपन प्रणाली का प्रयोग कर मिर्च की तीन संकर किस्में सफलतापूर्वक तैयार की हैं।
इनको हिम पालम मिर्च हाइब्रिड-1, हिम पालम मिर्च हाइब्रिड-2 व हिम पालम मिर्च हाइब्रिड-3 नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार इनमें ऊपर की ओर लगने वाली हिम पालम मिर्च हाइब्रिड-1 बहुत ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों में लगाने के लिए उपयुक्त रहेगी। अन्य दो किस्में गहरे हरे रंग की और खाने में तीखी होंगी।
हिम पालम मिर्च हाइब्रिड-1 की पैदावार क्षमता 220 से 265 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। हिम पालम मिर्च हाइब्रिड-2 की उपज क्षमता 275 से 325 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि हिम पालम मिर्च हाइब्रिड-3 की पैदावार क्षमता 275 से 350 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। जानकारी के अनुसार हरी मिर्च की इन तीन संकर किस्मों का अनुमोदन कर आगे भेजा गया है। जल्द ही यह किस्में खेती के लिए किसानों को उपलब्ध होंगी
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