गगल एयरपोर्ट विस्तार के नए फंडिंग फार्मूले पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने राज्य सरकार को सौंपी रिपोर्ट
कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट विस्तार के नए फंडिंग फार्मूले पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। राज्य सरकार भारत सरकार की हाउसिंग एंड अर्बन डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन यानी हुडको के फंडिंग फॉर्मेट पर विचार कर रही

यंगवार्ता न्यूज़ - कांगड़ा 23-06-2025
कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट विस्तार के नए फंडिंग फार्मूले पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। राज्य सरकार भारत सरकार की हाउसिंग एंड अर्बन डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन यानी हुडको के फंडिंग फॉर्मेट पर विचार कर रही है। हुडको ने कांगड़ा एयरपोर्ट में निवेश की इच्छा जताई थी।
इस एजेंसी ने इससे पहले आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कई परियोजनाओं को फंड किया हुआ है। इसी फॉर्मेट को स्टडी करने के लिए मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना इन दोनों राज्यों की राजधानियों के दौरे पर गए थे। इन राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ भी उन्होंने बात की है। हुडको ने कांगड़ा एयरपोर्ट की फंडिंग के लिए राज्य सरकार से सिर्फ गारंटी पत्र मांगा था।
इस गारंटी पत्र से क्या राज्य सरकार की वार्षिक लोन लिमिट जुड़ेगी? इस संभावना को राज्य सरकार पहले देख रही है। केंद्र सरकार ने राज्य की लोन लिमिट पहले ही तय कर रखी है। दूसरा तरीका किसी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के नाम पर इस निवेश को लाने का है। मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर अब वित्त विभाग राज्य सरकार को यह मामला भेजेगा।
इसके बाद मुख्यमंत्री के स्तर पर निर्णय लिया जाना है। गगल एयरपोर्ट के विस्तार का प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री सुक्खू की प्राथमिकता का है, इसलिए हर संभावना पर विचार किया जा रहा है। राज्य सरकार हुडको की तरफ इसलिए आकर्षित हुई है, क्योंकि कांग्रेस शासित तेलंगाना में हुडको ने 12,677 करोड़ के 12 प्रोजेक्ट लोन के जरिए मंजूर किए हुए हैं।
इन परियोजनाओं में गरीबों के मकान के लिए इंदिरा मां स्कीम में 3000 करोड़, रीजनल रिंग रोड की लैंड एक्विजिशन के लिए 2700 करोड़ और गोदावरी वाटर सप्लाई स्कीम के लिए 2224 करोड़ के प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसलिए राज्य सरकार लोन के इस फार्मूले को समझाना चाह रही है। प्रोजेक्ट के महत्त्व को देखते हुए मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना खुद यह फॉर्मेट समझने गए थे।
वह विजयवाड़ा और हैदराबाद का दौरा करके लौटे हैं और अपनी रिपोर्ट भी दे चुके हैं। अब फंडिंग पर निर्णय सिर्फ राज्य सरकार को करना है। कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए राज्य सरकार को भूमि अधिग्रहण पर ही 3500 करोड़ खर्च करने हैं। अभी तक राज्य सरकार करीब 400 करोड़ भूमि अधिग्रहण के बाद प्रभावितों में बांट चुकी है, जबकि 900 करोड़ के अवार्ड हो चुके हैं।
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