जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में हिमाचल के लांस दफादार बलदेव चंद शहीद
जम्मू-कश्मीर के दुर्गम इलाके डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र के सेओज धार वन क्षेत्र में आतंकियों के साथ चल रही भीषण मुठभेड़ में हिमाचल के सेना के लांस दफादार बलदेव चंद शनिवार को बलिदान

यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर 21-09-2025
जम्मू-कश्मीर के दुर्गम इलाके डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र के सेओज धार वन क्षेत्र में आतंकियों के साथ चल रही भीषण मुठभेड़ में हिमाचल के सेना के लांस दफादार बलदेव चंद शनिवार को बलिदान हो गए। बिलासपुर जिले के थेह गांव निवासी बलदेव चंद शुक्रवार रात 8 बजे से शुरू हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
उन्हें फौरन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। सुरक्षाबलों ने आतंकियों की घेराबंदी कर रखी है। खुफिया जानकारी के अनुसार, इलाके में दो से तीन पाकिस्तानी आतंकवादी फंसे हो सकते हैं।
मुठभेड़ शुक्रवार रात करीब 8 बजे तब शुरू हुई जब सेना और पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम तलाशी अभियान में लगी थी। डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र के सेओज धार वन क्षेत्र में आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इसमें बलदेव चंद घायल हो गए थे। बलदेव 4 राष्ट्रीय राइफल्स में लांस दफादार के रूप में तैनात थे।
बलिदानी के पार्थिव शरीर को सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव रवाना कर दिया गया। आतंकी बचकर भाग न निकलें इसलिए सुरक्षाबलों ने रात से ही पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी है। इस बीच अतिरिक्त सुरक्षा बल मौके पर भेज दिए गए हैं, जबकि हवाई निगरानी को हेलिकाप्टर और ड्रोन तैनात किए गए हैं।
आज पैतृक गांव पहुंचेगी पार्थिव देह लांस दफादार बलदेव की पार्थिव देह रविवार को पैतृक गांव पहुंचेगी। बलदेव साल 2011 में सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता सेवानिवृत्त हवलदार बिशन दास और ताया और चाचा भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं।
बलदेव चंद अपने पीछे सात साल के बेटे, पत्नी, भाई और मां-बाप को छोड़ गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि बलदेव ने सीमाओं की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर किए हैं। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार इस कठिन समय में परिवार की हर संभव मदद करेगी।
What's Your Reaction?






