दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला केंद्रीय विवि धर्मशाला में शोधकर्ताओं को बताया वैज्ञानिक अनुसंधान का महत्व

राष्ट्रीय कार्यशाला तकनीकी अनुसंधान पद्धति एवं अनुसंधान में उन्नत सांख्यिकी (TARMASR 2025) का आयोजन 6 से 7 मई 2025 के मध्य हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में किया गया। यह कार्यशाला सेंटर फॉर कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी एंड बायोइनफॉर्मेटिक्स द्वारा हिमालयन लाइफ साइंस सोसाइटी के सहयोग से आयोजित की गई, जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रतिभागियों विशेषकर विद्यार्थियों एवं प्रारंभिक स्तर के शोधकर्ताओं को वैज्ञानिक अनुसंधान एवं आंकड़ा-आधारित अनुसंधान के लिए आवश्यक व्यावहारिक कौशल प्रदान करता रहा

May 7, 2025 - 19:01
May 7, 2025 - 19:16
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दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला केंद्रीय विवि धर्मशाला में शोधकर्ताओं को बताया वैज्ञानिक अनुसंधान का महत्व

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  07- 05 - 2025

राष्ट्रीय कार्यशाला तकनीकी अनुसंधान पद्धति एवं अनुसंधान में उन्नत सांख्यिकी (TARMASR 2025) का आयोजन 6 से 7 मई 2025 के मध्य हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में किया गया। यह कार्यशाला सेंटर फॉर कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी एंड बायोइनफॉर्मेटिक्स द्वारा हिमालयन लाइफ साइंस सोसाइटी के सहयोग से आयोजित की गई, जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रतिभागियों विशेषकर विद्यार्थियों एवं प्रारंभिक स्तर के शोधकर्ताओं को वैज्ञानिक अनुसंधान एवं आंकड़ा-आधारित अनुसंधान के लिए आवश्यक व्यावहारिक कौशल प्रदान करता रहा। 
इस कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को प्रयोगात्मक डिजाइन , डेटा संग्रहण, तथा सांख्यिकीय विश्लेषण में उन्नत उपकरणों के प्रयोग का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ। व्याख्यानों एवं सजीव प्रदर्शन के माध्यम से प्रतिभागियों ने बायो स्टैटिस्टिकल मॉडल , डेटा विज़ुअलाइज़ेशन तकनीक एवं समसामयिक अनुसंधान समस्याओं से संबंधित बायोइनफॉर्मेटिक्स वर्कफ़्लो के प्रयोग को सीखा। ड्रग डिस्कवरी, आणविक जीव विज्ञान , मेटाजीनोमिक्स एवं न्यूट्रास्युटिकल संरचना पर आधारित सत्रों ने छात्रों को अंतर्विषयक शोध पद्धतियों से अवगत कराया, जबकि अनुसंधान नैतिकता एवं डेटा प्रबंधन पर हुई चर्चाओं ने उत्तरदायी अनुसंधान आचरण की समझ को गहराया। 
प्रो. पी.आर. सुधाकरन, डॉ. ए. जयकुमारन नायर तथा डॉ. चांदनी सिद्धू जैसे प्रख्यात वैज्ञानिकों ने प्रतिभागियों को मार्गदर्शन प्रदान किया, जिसमें प्रयोगशाला प्रोटोकॉल, उच्च-प्रवाह डेटा विश्लेषण, तथा वैज्ञानिक संप्रेषण जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गईं। इस अनुभव ने प्रतिभागियों में तकनीकी दक्षता, आलोचनात्मक सोच, एवं सहयोगात्मक अधिगम को बढ़ावा दिया , जिससे वे कठोर अकादमिक एवं उद्योग आधारित अनुसंधान के लिए तैयार हो सकें।

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