उद्योगों को बड़ा झटका : प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेल्पमेंट चार्ज में 1200 फीसदी तक की वृद्धि

हिमाचल में मुश्किल दौर से गुजर रहे उद्योगों को प्रदेश सरकार ने एक और झटका दे दिया है। प्रदेश सरकार ने विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेल्पमेंट चार्ज (आईडीसी) में 1200 फीसदी तक की वृद्धि

Jun 13, 2024 - 14:06
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उद्योगों को बड़ा झटका : प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेल्पमेंट चार्ज में 1200 फीसदी तक की वृद्धि

यंगवार्ता न्यूज़ - बद्दी    13-06-2024

हिमाचल में मुश्किल दौर से गुजर रहे उद्योगों को प्रदेश सरकार ने एक और झटका दे दिया है। प्रदेश सरकार ने विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेल्पमेंट चार्ज (आईडीसी) में 1200 फीसदी तक की वृद्धि कर दी है। अब आईडीसी को 200 रुपए प्रति केवीए की मानक दर से बढ़ाकर 2,500 रुपए प्रति केवीए कर दिया गया है। ये दरें उद्योग द्वारा लिए गए नए बिजली कनेक्शन के लिए लागू हैं और विस्तार करने वाले मौजूदा उद्योगों पर भी लागू होंगी। 

प्रदेश सरकार के इस फरमान ने उद्योग जगत में खलबली मचा दी है। औद्योगिक संगठनों ने इस बढ़ोतरी को तत्काल वापस लेने की मांग की है। बीबीएन उद्योग संघ सहित अन्य उद्योग संघों ने इस निर्णय को औद्योगिक विकास के रास्ते का बड़ा रोड़ा करार देते हुए कहा कि इस तरह के निर्णय से हिमाचल में नया निवेश तो दूर, मौजूदा उद्योग भी पलायन को विवश हो जाएंगे। 

बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने कहा कि बुनियादी ढांचा विकास शुल्क को 1,200 फीसदी बढ़ाना राज्य में नए निवेश के लिए बाधक साबित होगा और मौजूदा उद्योग भी आगे विस्तार करने से पहले कई बार सोचेगा। एक तरफ हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड सुचारू विद्युत आपूर्ति नहीं कर पा रहा है।

उद्योगों को कई-कई घंटे के कट झेलने पड़ रहे हैं और दूसरी तरफ आईडीसी में बढ़ोतरी जैसे कदम उठाकर उद्योगों को हिमाचल से बाहर जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले बिजली शुल्क और बिजली दरों में बढ़ोतरी के बाद अब इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेल्पमेंट चार्ज (आईडीसी)में वृद्धि उद्योगों को तीसरा बड़ा झटका है। 

उद्योगपति राज्य सरकार से इस फैसले की समीक्षा करने और इसे पुरानी दरों पर वापस लाने की अपील कर रहे हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि वर्ष 2012 तक आईडीसी की मानक दर 2,000 रुपए प्रति केवीए थी। उस दौरान उद्योग जगत के एक वर्ग द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद सरकार ने इसे काफी हद तक कम कर दिया था, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों पर काफी असर पड़ा। 

बोर्ड ने बीबीएन जैसे औद्योगिक समूहों में बिजली के बुनियादी ढांचे के विस्तार की सतत जरूरत को देखते हुए केवल मानक दरों को फिर से लागू किया है, जहां राज्य के 90 प्रतिशत से अधिक उद्योग स्थित हैं।

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