ऊना में प्राकृतिक खेती बनी किसानों की आर्थिक मजबूती का आधार
हिमाचल में प्राकृतिक खेती से रसायन मुक्त अन्न उपजाने और बाज़ार तक उसका उचित मूल्य दिलवाने की प्रदेश सरकार की दूरदर्शी नीति जमीनी स्तर पर प्रभावी असर दिखा रही है। ऊना जिले में अब तक 16,858 किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके

हिमाचल सरकार की पहल को मिल रहा ज़मीनी समर्थन, जिले के 16858 किसानों ने अपनाई प्राकृतिक खेती
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 17-07-2025
हिमाचल में प्राकृतिक खेती से रसायन मुक्त अन्न उपजाने और बाज़ार तक उसका उचित मूल्य दिलवाने की प्रदेश सरकार की दूरदर्शी नीति जमीनी स्तर पर प्रभावी असर दिखा रही है।
ऊना जिले में अब तक 16,858 किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि इससे किसानों की लागत घटने के साथ आय में भी उल्लेखनीय इजाफा हुआ है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा प्राकृतिक खेती को स्वरोजगार का साधन बनाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने जैसे निर्णयों का सीधा लाभ किसानों को मिला है।
सरकार ने प्राकृतिक गेहूं के लिए 60 रुपये प्रति किलो और मक्की के लिए 40 रुपये प्रति किलो एमएसपी निर्धारित किया है। साथ ही 2 रुपये प्रति किलो तक का परिवहन भत्ता भी दिया जा रहा है।
वहीं, सरकार ने ‘हिम भोग’ ब्रांड के तहत प्राकृतिक मक्की का आटा भी बाजार में उतारा है, जो उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आमजन तक पहुंचाया जा रहा है। यह सभी प्रयास न केवल किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने में कारगर रहे हैं बल्कि इनसे उपभोक्ताओं को भी स्वास्थ्यवर्धक विकल्प मिले हैं।
What's Your Reaction?






