कांग्रेस को धरना देने का अधिकार है लेकिन जमीन और फंड लूटने का अधिकार नहीं : त्रिलोक जमवाल 

भाजपा विधायक एवं पूर्व मनमंत्री त्रिलोक जमवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश भर में धरना देने की बात कर रही है, उन्हें धरना देने का अधिकार है लेकिन जमीन और फंड लूटने का धिकार नहीं है। 1937 में नेशनल हेराल्ड को शुरू किया गया था, शुरुआत में इसके 5 हजार शेयर होल्डर्स थे, यानी नेशलन हेराल्ड कभी नेहरू खानदान की जागीर नहीं रहा

Apr 16, 2025 - 16:21
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कांग्रेस को धरना देने का अधिकार है लेकिन जमीन और फंड लूटने का अधिकार नहीं : त्रिलोक जमवाल 

यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर   16-04-2025

भाजपा विधायक एवं पूर्व मनमंत्री त्रिलोक जमवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश भर में धरना देने की बात कर रही है, उन्हें धरना देने का अधिकार है लेकिन जमीन और फंड लूटने का धिकार नहीं है। 1937 में नेशनल हेराल्ड को शुरू किया गया था, शुरुआत में इसके 5 हजार शेयर होल्डर्स थे, यानी नेशलन हेराल्ड कभी नेहरू खानदान की जागीर नहीं रहा। इसमें उस समय के बड़े-बड़े क्रांतिकारियों का भी सहयोग था। 

नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन 2008 में बंद हो गया, क्योंकि वह आर्थिक रूप से विफल रहा। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ रुपये की राशि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को दी, जो इस अखबार को प्रकाशित करती थी। 

कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी है जिसे कई प्रकार की छूट मिलती हैं लेकिन राजनीतिक पार्टी किसी निजी संस्था को पार्टी का फंड नहीं दे सकती, यह पूरी तरह से गैर कानूनी है। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड की पूरी संपत्ति को गांधी परिवार के हाथों में लाने के लिए एक कॉर्पोरेट षड्यन्त्र रचा। यंग इंडिया नाम की एक कंपनी बनाई गई जिसमें 38% हिस्सा सोनिया गांधी का और 38% राहुल गांधी का रखा गया। 

9 करोड़ के इक्विटी शेयर इस कंपनी को ट्रांसफर किए गए। 9 करोड़ के इक्विटी शेयर के ट्रांसफर के बाद यंग इंडिया कंपनी के हाथ में नेशलन हेराल्ड की पूरी संपत्ति आ गई, जिसमें दिल्ली में बहादुर शाह ज़फ़र पर एक संपत्ति, लखनऊ, मुंबई, भोपाल और पटना की हजारों-करोड़ की संपत्ति शामिल है। 

कांग्रेस ने बताया कि यंग इंडिया फाउंडेशन चैरिटी के लिए बनाया गया था लेकिन आज तक उस से क्या चैरिटी हुई इसकी कोई जानकारी उपलध नहीं है। ईडी ने कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष मोती लाल वोहरा से पूछताछ की थी, उसके बाद पवन वंसल से पूछताछ हुई, उसके बाद सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ की गई।

उन्होंने कहा कि पूरे मामले में जो 90 करोड़ रुपये लोन का बकाया था उसकी जगह 50 लाख देकर पूरा लोन राइट ऑफ करा लिया गया। यानी 50 लाख में हजरों करोड़ों की संपत्ति को अपने नाम करा लिया। 

कांग्रेस परिवार के एक और सदस्य हरियाणा में 3 करोड़ की जमीन खरीद कर उसे 58 करोड़ में बेच देते हैं। देश को यह देखना चाहिए कि यह ‘गांधी मॉडल ऑफ़ डेवलपमेंट है’। जब ईडी ने मामले को टेक अप किया, सब कुछ समझा और अपनी रिपोर्ट सेक्शन 8 में कोर्ट में दायर की।

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