यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 20-02-2025
आम जनता मजदूर किसान विरोधी बजट के खिलाफ आज सीपीआईएम शिमला लोकल कमेटी ने जिलाधीश कार्यालय के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में केंद्र में भाजपा सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की गई तथा इस जन विरोधी बजट की प्रतियों को जलाया गया। प्रदर्शन में वक्ताओं ने आरोप लगाया की हाल ही में केंद्र की भाजपा सरकार ने 2025 /26 के लिए जो बजट पेश किया यह बजट जनता की जरूरतों के साथ एक क्रूर विश्वासघात है। बजट की दिशा बडे कॉर्पोरेट घरानों व उद्योगपतियों के घर की तरफ जाती है। बजट में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कोई योजना नहीं है। उल्टे बेरोजगारों को लूटने की योजना जरूर बनाई गई है। हाल ही में कल्याण सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टिट्यूट में कुछ वैकेंसी निकली एप्लीकेशन फॉर्म की कीमत ₹1000 रुपए और उसे पर 18% जीएसटी लगाया गया है।
इंडियन एयरफोर्स में अग्नि वीर का एप्लीकेशन फॉर्म 2025 रुपए प्लस 18% जीएसटी लगाकर बेरोजगारों को लूटा जा रहा है। खाद्य सब्सिडी पिछले साल के मुकाबले में 7830रुपए करोड़ कम कर दी है जनता को सस्ता राशन मिलना बंद हो जाएगा। बजट गरीबों को भुखमरी की तरफ धकेलने वाला है अमीर गरीब के बीच आय का फर्क दुनिया में हमारे देश में सबसे ज्यादा है। हमारे देश में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं मजदूर , स्कीम वर्करज , र्आउटसोर्स कर्मचारी व अन्य कच्चे काम में लगे मजदूरों के वेतन वृद्धि का बजट में कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए वह किसानों के कृषि लोन माफ करने के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा है। कॉर्पोरेट घरानों के पिछले 10 साल में 17 लाख करोड़ के कर्ज माफ कर दिए गए हैं।
बढ़ती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है आम जनता को जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है मंहगाई को कम करने के लिए बजट में कोई प्रावधान न करना आम जनता के साथ अन्याय है देश में सबसे ज्यादा रोजगार सार्वजनिक क्षेत्र ने पैदा किए सार्वजनिक क्षेत्र ने देश के विकास में सबसे ज्यादा भूमिका निभाई है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करने की बजाय निजी हाथों देने का प्रावधान कर रही है। बिजली बोर्ड का निजीकरण करने व स्मार्ट मीटर लगाने जैसी योजना लाई जा रही है। सरकारी क्षेत्र में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन जैसी नीति लाकर बड़े पूंजीपतियों के वाले किया जा रहा है। मनरेगा के बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
हमारी पार्टी सीपीआईएम और वाम पंथी पार्टियां मांग करती है कि अरबपतियों पर चार प्रतिशत संपदा कर लगाया जाए कॉरपोरेट टैक्स बढ़ाया जाए। किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए उनके कर्ज को माफ किया जाए। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन जैसी नीति को वापस लिया जाए। बीमा क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को वापस लिया जाए। मनरेगा के बजट में 50% बढ़ोतरी की जाए। वृद्धावस्था पेंशन तथा सुरक्षा लाभों के लिए केंद्र से प्रावधान किया जाए। अनुसूचित जाति अनुसूचित ज.जा व महिलाओं बच्चों के विकास के लिए बजट में बढ़ोतरी की जाए।
महंगाई को कम करने के लिए बजट में प्रावधान किया जाए मजदूर आउटसोर्स स्कीम वर्कर्स के लिए 26000 रुपए न्यूनतम वेतन देने के लिए बजट में प्रावधान किया जाए ।खाद्य सब्सिडी को बढ़ाया जाए। प्रदर्शन में शिमला जिला कमेटी सचिव विजेंद्र मेहरा, लोकल कमेटी सचिव जगत राम , लोकल कमेटी सदस्य महेश वर्मा ,डॉक्टर विजय कौशल, राजेंद्र चौहान, बालक, राम साथी सनी, रितेश, अंकुश, विवेक ,रीना,उमा, रंजीव कुटियाला, राम सिंह सुनील आदि ने भाग लिया। प्रदर्शन में केंद्र सरकार यदि उपरोक्त मांगों और सुझावों को बजट में शामिल करने की मांग को यदि पूरा नहीं करती तो पूरे देश में वामपंथी पार्टियों इस बजट के खिलाफ लगातार आंदोलन जारी रखेगी।