पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार निरंतर प्रयास कर रही है कि वन संरक्षण अधिनियम और वन अधिकार अधिनियम के मामलों को जल्द से जल्द स्वीकृति मिलेे ताकि प्रदेश की कई लंबित महत्वाकांक्षी विकासात्मक परियोजनाओं का समय पर कार्यान्वयन हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की बदौलत ही केंद्र सरकार ने जनहित से जुड़ी विभन्न 66 परियोजनाओं को एफसीए क्लीयरेंस प्रदान की है। उन्होंने कहा कि ये महत्वपूर्ण परियोजनाएं अधोसंरचना, शिक्षा और पेयजल आपूर्ति से संबंधित हैं।

Sep 29, 2024 - 00:56
 0  23


यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  28-09-2024


मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार निरंतर प्रयास कर रही है कि वन संरक्षण अधिनियम और वन अधिकार अधिनियम के मामलों को जल्द से जल्द स्वीकृति मिलेे ताकि प्रदेश की कई लंबित महत्वाकांक्षी विकासात्मक परियोजनाओं का समय पर कार्यान्वयन हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की बदौलत ही केंद्र सरकार ने जनहित से जुड़ी विभन्न 66 परियोजनाओं को एफसीए क्लीयरेंस प्रदान की है। उन्होंने कहा कि ये महत्वपूर्ण परियोजनाएं अधोसंरचना, शिक्षा और पेयजल आपूर्ति से संबंधित हैं।

इसके अलावा प्रदेश सरकार ने केंद्र से 77 सैद्धांतिक स्वीकृतियां भी सुनिश्चित की हैं जिनमें शोंगटोंग , थाना पलाऊं विद्युत परियोजना, कई शैक्षणिक संस्थान, हेलीपोर्ट, पेयजल आपूर्ति और सड़क अधोसंरचना परियोजनाएं शामिल हैं जिससे प्रदेश की तरक्की और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से मामले वर्र्षों से लंबित थे लेकिन अब प्रदेश सरकार की लगातार कोशिशों से इन्हेंे गति मिल रही है। उन्होेंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एफसीए और एफआरए मामलों की निगरानी के लिए उपायुक्तों, मंडलीय वन अधिकरियों और अन्य एजेंसियों के प्रतिनिधियों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया है।

मामलों की विस्तृत जानकारी ऑनलाइन अपलोड किए जाने के साथ ही लगातार इनकी ऑनलाइन निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। बेहतर समन्वय स्थापित करने व मामलों के निरीक्षण और केंद्र सरकार के साथ मेलजोल बनाने के लिए भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ व समर्पित अधिकारी तैनात किए गए हैं जिनका प्राथमिक कार्य केंद्र सरकार के साथ तालमेल बनाकर ऐसे मामलों का तीव्रता से निपटारा करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 70 फीसदी वन क्षेत्र है और जनहित परियोजनाओं के लिए वन भूमि बेहद अनिवार्य है। इसलिए इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस प्राप्त करना राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रक्रियात्मक अपेक्षाओं के कारण परियोजनाओं को शुरू करने में विलंब हो जाता है। इससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने वन मंजूरी के मामलों में तेजी लाने के उद्देश्य से एक तंत्र विकसित किया है जिसके परिणामस्वरूप स्वीकृतियों की दर में सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों के कल्याण के लिए पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्ध है। इसी के तहत वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में वन क्षेत्र को और बढ़ाने के लिए विभिन्न वानिकी योजनाएं शुरू की हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow