न्यूज़ एजेंसी - आगरा 03-10-2025
आगरा के खेरागढ़ स्थित उटंगन नदी में मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन करने के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया। गांव कुसियापुर डूगरवाला के 13 युवक गहरे पानी में डूब गए। हादसे से अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद एक युवक विष्णु को बचा लिया। डेढ़ घंटे बाद पुलिस की मदद से दो युवकों ओमपाल और गगन के शव निकाले गए , जबकि देर रात एक अन्य किशोर मनोज का शव मिल गया। इसके बाद दो अन्य युवकों की लाशें भी शुक्रवार सुबह बाहर निकाल ली गईं। अब भी आठ का पता नहीं चल सका है। अब अन्य की तलाश के लिए सेना को बुलाया गया है। खेरागढ़ में मूर्ति विसर्जन करते डूबे एक और युवक भगवती का शव बरामद कर लिया गया। इसे देखकर मृतक परिवार में कोहराम मच गया। उटांगन नदी में विसर्जन करते समय 13 युवक और किशोर डूब गए थे। उन्हें निकालने के लिए रात भर ऑपरेशन चलता रहा।
पुलिस और प्रशासन की टीम के साथ एसडीआरफ लगी रही। अब तक चार के शव बरामद कर लिए गए है। ग्रामीण घटनास्थल पर मौजूद हैं। रात में गुस्साए लोगों ने एसडीएम की गाड़ी को भेज दिया उसके शीशे तोड़ दिया सुबह आप पर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह ने मोर्चा संभाला। लोगों को माइक से अनाउंस कर कहा कि वह संयम बरतें। पुलिस को अपना काम करने दें। कोई पानी की तरफ ना जाए। जिससे किसी तरह का हादसा हो। उधर रात भर गांव में करुण क्रंदन गूंजता रहा। चूल्हे नहीं जले। अब तक गगन, ओमपाल, मनोज और भगवती के शव मिल चुके हैं। ये हादसा दोपहर 1 बजे हुआ। खैरागढ़ के गांव कुसियापुर में चामड़ माता के मंदिर के पास नवरात्र में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की गई थी। दशहरा पर मूर्ति के विसर्जन के लिए गांव के 40-50 पुरुष, महिलाएं और बच्चे उटंगन नदी के पास पहुंचे। इनमें विष्णु (20), ओमपाल (25) , गगन (24) , हरेश (20) , अभिषेक (17) , भगवती (22), ओके (16), सचिन पुत्र रामवीर (26), सचिन पुत्र ऊना (17), गजेंद्र (17) और दीपक (15) गहरे पानी में चले गए।
ग्रामीणों के मुताबिक के डूबने के बाद पुलिस को सूचना दी गई। करीब डेढ़ घंटे बाद ओमपाल और गगन को पानी से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। देर रात पुलिस ने किशोर मनोज का शव भी उटंगन से बाहर निकाल लिया। पूरी रात सर्च जारी रही। शुक्रवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने भगवती पुत्र मुरारी लाल 22 वर्ष का शव रेस्क्यू के दौरान खोज निकाला। अन्य की तलाश में एसडीआरएफ की टीम लगी हुई है। गांव कुशियापुर में 4 फुट की दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने के बाद हर दिन आस्था का सैलाब उमड़ रहा था। 10 दिन तक सुबह-शाम की आरती के बाद गांव की गलियों में देवी के गीतों से माहौल भक्तिमय हो जाता था। दशहरा आया तो प्रतिमा विसर्जन के लिए क्या बड़े, क्या छोटे, सब नदी किनारे चल पड़े। मगर हादसे की जानकारी आई तो पूरे गांव में करुण क्रंदन गूंज उठा।
किनारे पर खड़े डूबे हुए किशोर और युवकों के परिजन चीख पुकार मचाने लगे। मगर पुलिस नहीं थी। तकरीबन आधे घंटे बाद पुलिसकर्मी पहुंचे। इनमें एसएसआई बिजेंद्र सिंह तैरना जानते थे। उन्होंने पानी में छलांग लगा दी। वह तकरीबन एक घंटे तक तलाश करते रहे। इसके बाद डूबने वाले ओमपाल और गगन को बाहर निकाल लाए। मगर तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। अन्य का पता नहीं चल सका। ग्रामीणों का कहना था कि नदी के अंदर गड्ढे का किसी को भी अंदाजा नहीं था। इस वजह से ही हादसा हुआ।