स्टोन क्रशर बंद करने को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोक, विपक्ष का सदन से वाकआउट

मंत्री और मुख्यमंत्री के जवाब से असंतोष जताते हुए विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए सदन से विपक्ष ने वाकआउट कर दिया।

Dec 20, 2023 - 13:05
Dec 20, 2023 - 13:32
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स्टोन क्रशर बंद करने को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोक, विपक्ष का  सदन से वाकआउट

यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला     20-12-2023

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के दूसरे दिन सदन में स्टोन क्रशर बंद करने का मामला गूंजा। प्रश्नकाल में इस संबंध में पहला प्रश्न सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार ने किया। उन्होंने कहा कि स्टोन क्रशर बंद करने के मामले में क्यों तीन जिलों को ही टारगेट किया गया। 

इस पर मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि ब्यास और उसकी सहायक नदियों के इर्द-गिर्द बहुत नुकसान हुआ। हमेशा से यही रहा है। इस संबंध में कमेटी ने लगभग 80 क्रशरों को रद्द किया है। ऐसे तमाम क्रशर कानूनी तरीके से नहीं लगे थे। 

कमेटी ने ऐसा पाया है। हाई पॉवर कमेटी बनाई गई है। कुछ क्रशरों को खोल दिया गया है। जब वे कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करेंगे तो उनकी बहाली की जाएगी। कैप्टिव क्रशरों में ज्यादा समस्या है, जो किसी परियोजना के साथ लगाए गए हैं।

कमियों को रोकने के लिए हाईपावर कमेटी की बैठक हुई है। सरकार को कोई राजस्व नुकसान  नहीं हुआ है। वित्त वर्ष 2022-23 में 242 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। इस साल 15 दिसंबर 2023 को 204 करोड़ रुपये की आमदनी हो गई है। यह पिछले साल से बढ़ जाएगा।

अनुपूरक सवाल में भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ने कहा कि 112 क्रशर बंद किए गए हैं। रेत, बजरी के रेट तीन गुना हो गए। कई लोग बेरोजगार हो गए।। इनको कांगड़ा और यह क्षेत्र ही नजर आया। सोलन और सिरमौर में क्रशर बंद क्यों नहीं किए गए। 

यह कहना सही नहीं है कि राजस्व नुकसान नहीं हुआ। मंत्री और मुख्यमंत्री के जवाब से असंतोष जताते हुए विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए सदन से विपक्ष ने वाकआउट कर दिया।

सीएम सुखविंद्र सिंह सूक्ख ने कहा कि सरकार कायदे-कानूनों से चलती है। 128 क्रशर ब्यास बेसिन पर थे। ब्यास नदी ने तबाही मचाई। अधिसूचना के अनुसार क्रशर 15 सितंबर तक होते हैं। क्रशर खोलने के लिए नियमों को पूरा करने की जरूरत होती है। सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है। सरकार बजरी का रेट कोस्ट ऑफ प्रोडक्शन से हिसाब से तय करने पर विचार कर रही है, जिससे जनता पर बोझ न हो। 

कांगड़ा में माइनिंग प्लान कुछ और था। इससे रॉयल्टी सरकार को नहीं मिल पाई। इसकी भी जांच करवाई जाएगी। साल का 500 करोड़ रुपये माइनिंग से रॉयल्टी का मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गलत किसी के साथ नहीं होगा, मगर जो कायदे-कानूनों के खिलाफ गैर कानूनी खनन करेगा, उस पर कार्रवाई होगी।

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