संसद में विपक्षी दल भी कहते हैं कि ये दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है : टंडन

भाजपा प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन ने सक्रिय सदस्यता अभियान के अंतर्गत नालागढ़ एवं दून विधानसभा क्षेत्र में हो रहे सम्मेलन में भाग लिया। टंडन ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र के साथ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों को जमीन पर उतारा है

Apr 9, 2025 - 19:32
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संसद में विपक्षी दल भी कहते हैं कि ये दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है : टंडन

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  09-04-2025
भाजपा प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन ने सक्रिय सदस्यता अभियान के अंतर्गत नालागढ़ एवं दून विधानसभा क्षेत्र में हो रहे सम्मेलन में भाग लिया। टंडन ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र के साथ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों को जमीन पर उतारा है। राष्ट्र के पुनर्निर्माण में एक राजनीतिक आंदोलन के रूप में इस सफर में भाजपा के सभी कार्यकर्ता अपने आप को शामिल करते हैं। यह यात्रा 1951 में भारतीय जनसंघ नाम के राजनीतिक आंदोलन से शुरू हुई। राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह आंदोलन कुछ समय के लिए जनता पार्टी में शामिल हुआ। 
फिर 6 अप्रैल 1980 को अपने वैचारिक वैशिष्ठ को लेकर इस आंदोलन ने भारतीय जनता पार्टी का रूप ले लिया। एक नई वैकल्पिक राजनीतिक संस्कृति को लेकर यह आंदोलन चलता रहा। जनसंघ के दीये को अलविदा कहते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कालजयी शब्दों का प्रयोग किया था और 6 अप्रैल को लाल कृष्ण आडवाणी ने एक विचारधारा वाले लोगों को एक साथ लाकर भारतीय जनता पार्टी का आह्वान किया था। उन दिनों इलस्ट्रेटर वीकली और दिनमान नाम की राजनैतिक मैगजीन हुआ करती थी। आज जब भाजपा कार्यकर्ता आर्काइव्स में जाकर उस समय के लेख पढ़ेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि उस समय घने बादल घिरे हुए थे और किसी भी परिस्थिति में सूरज की कोई किरण नहीं दिखाई पड़ती थी, वैसी परिस्थिति में भी भाजपा के शीर्ष नेताओं को विश्वास था कि उनका रास्ता सही है। 
इसी विश्वास से ताकत लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता आगे बढ़ते रहे और इस आयाम तक पहुंचे हैं कि आज भाजपा के कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि संसद में विपक्षी दल भी कहते हैं कि ये दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। आज विपक्ष भी भाजपा पर कटाक्ष इस अलंकार के साथ करते हैं। टंडन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी वोट की खातिर कभी डगमगाई नहीं और सत्ता को पाने के लिए कभी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया। भाजपा एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जिसने वैचारिक अधिष्ठान पर अपने आप को सदैव अडिग रखा है। 22-25 अप्रैल 1965 के दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानव दर्शन का व्याख्यान दिया था और जनसंघ कालीकट अधिवेशन में एकात्म मानववाद के सिद्धांत को लेकर आगे बढ़ा। इस सिद्धांत का मजाक उड़ाया जाता था, क्योंकि कार्ल मार्क्स के चश्मे से देखने वाले लोगों द्वारा किसी चीज को एकात्मता और समावेशिता से देखा जाना अकल्पनीय था। 
कांग्रेस धीरे-धीरे अपने वैचारिक क्षरण की ओर चल पड़ी थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने एकात्म मानववाद को आगे बढ़ाया और भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार बनने के बाद अंत्योदय के माध्यम से इस सिद्धांत की जड़ों को मजबूत किया गया। इसी अंत्योदय को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के मंत्र का पालन किया। संजय टंडन ने बताया कि प्रदेश में भाजपा के 27000 सक्रिय सदस्य हैं जिनके सम्मेलन लगातार प्रत्येक मंडल में हो रहे हैं। इसी प्रकार प्रदेश में भाजपा के 18 लाख प्राथमिक सदस्य भी है। कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष रतन पाल सिंह, दर्शन सैनी, परमजीत सिंह पम्मी, मंडल अध्यक्ष कालभूषण शर्मा, शालिनी शर्मा, मान सिंह, जोगिंदर पाल, बलबीर और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

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